असम खदान हादसे में 'विलेन' बना पानी, बचाव अभियान पर छाए संकट के बादल
Assam Coal Mine: असम की बाढ़ग्रस्त कोयला खदान में पानी का स्तर फिर बढ़ गया है. लगातार पंपिंग के बावजूद पानी नीचे नहीं आ रहा है.
असम की एक बाढ़ग्रस्त कोयला खदान में जलस्तर कम करने और तीन और शवों को बरामद करने के बावजूद पांच अन्य खनिकों की तलाश में रुकावटें आ रही हैं. पास के जलस्रोत से खदान में फिर से पानी भर जाने के कारण यह मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अधिकारियों ने सोमवार (13 जनवरी 2025) को जानकारी दी कि पास के एक जलभृत (Aquifer) से खदान में पानी भरने के कारण स्थिति बिगड़ रही है.
6 जनवरी को दीमा हासाओ जिले के 3 किलो इलाके में स्थित इस अवैध खदान में लगभग 40 मजदूर घुसे थे. उस समय पानी खदान में भर गया था, संभवतः किसी भूमिगत जलस्रोत को छूने के कारण. इनमें से लगभग 25 मजदूर किसी तरह बचकर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन कम से कम 9 लोग फंस गए. बीते एक हफ्ते में चार शव बरामद किए गए हैं.
पंपिंग के बावजूद जलस्तर नहीं घटा
हिंदुस्तान टाइम्स ने असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के सीईओ जीडी त्रिपाठी के हवाले से बताया, "हम नौ पारंपरिक पंपों से खदान का पानी निकालने का काम लगातार कर रहे हैं. शनिवार (11 जनवरी 2025) तक जलस्तर कम हुआ था, लेकिन उसके बाद से पानी फिर से बढ़ रहा है. ऐसा लगता है कि पास के किसी जलस्रोत से पानी खदान में आ रहा है."
सोमवार को गुवाहाटी से छह और पंप मंगवाए गए, जिनमें से तीन को लगाया जा चुका है. बाकी तीन पंपों को लगाने का काम जारी है. अब कुल 15 पंप खदान से पानी निकालने के लिए इस्तेमाल में लाए जाएंगे. इसके अलावा, छह अन्य पंप आसपास की खदानों का पानी निकालने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जहां से इस खदान में पानी आने की संभावना है.
भारी क्षमता वाले पंप का इंतजार
कोल इंडिया लिमिटेड का एक भारी क्षमता वाला पंप, जो प्रति मिनट 2,250 लीटर पानी निकाल सकता है, नागपुर से भारतीय वायुसेना के माध्यम से गुरुवार को लाया गया था. हालांकि, इसे अब तक खदान में इस्तेमाल नहीं किया गया है.
त्रिपाठी ने कहा, "हमने स्थानीय खनिकों की मदद से एक सर्वे कराने का फैसला किया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि खदान में पानी कहां से आ रहा है. उसके बाद अगली रणनीति तय की जाएगी."
जलस्तर में उतार-चढ़ाव
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के अधिकारियों के मुताबिक, खदान में पानी का स्तर पहले करीब 100 फीट था, जिसे 18.1 मीटर (59 फीट) तक कम कर लिया गया था. शनिवार शाम तक इसमें 11.9 मीटर (39 फीट) पानी बचा था.
लेकिन रविवार (12 जनवरी 2025) से पानी का स्तर फिर बढ़ने लगा. सोमवार शाम 5 बजे तक खदान में पानी का स्तर फिर से 29 मीटर (95 फीट) हो गया. एक एनडीआरएफ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी.
ये भी पढ़ें:
‘पीएम मोदी और सीएम केजरीवाल में नहीं है कोई फर्क’, दिल्ली की पहली रैली में बोले राहुल गांंधी