गुवाहाटी: असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिये मुख्मयंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर पाबंदी लगाने की मांग की है. कांग्रेस नेता सैकिया ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के पास शिकायत दर्ज कर सरमा को 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने की मांग की.


सैकिया ने कुछ वीडियो क्लिप की ओर सीईओ का ध्यान आकर्षित करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ने भबानीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक प्रचार सभा में भीड़ में एक व्यक्ति की ओर इशारा किया और कहा कि उसे एक घर दिया जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी उस इलाके में घरों के आवंटन के लिए जिम्मेदार है, वह उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएम की आवास योजना या पीएमएवाई) के तहत एक घर प्रदान करे.


पीएमएवाई आवासों के आवंटन के लिए एक स्पष्ट नीति है


सैकिया ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी घर को आवंटित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं क्योंकि सरकार के पास पीएमएवाई आवासों के आवंटन के लिए एक स्पष्ट नीति है. आवंटन के लिए चयनित पात्र व्यक्तियों की सूची सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर आधारित होती है और एक पंचायत के तहत गांव सभा (ग्राम परिषद) द्वारा अनुमोदन के बाद ही आवास आवंटित किया जाता है.


शिकायत में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने थौरा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार करते हुए बार-बार दावा किया कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए पूर्व शर्त यह है कि विधायक सत्तारूढ़ राजनीतिक दल या सत्तारूढ़ गठबंधन से संबंधित होना चाहिए.


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