Congress Allegation: असम में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बीजेपी पर करीमगंज लोकसभा सीट में ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. दरअसल, असम की करीमगंज लोकसभा सीट पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में वोटों की गिनती में गड़बड़ी हुई थी, जिसके नतीजे 4 जून को देश के बाकी हिस्सों की सीटों के साथ घोषित किए गए थे.


करीमगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार कृपानाथ मल्लाह ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. इस दौरान बीजेपी कैंडिंडेट ने कांग्रेस के हाफ़िज़ रशीद अहमद चौधरी को 18,360 वोटों से हराया था. चुनाव आयोग के अनुसार मल्लाह को 545,093 वोट मिले थे, जबकि चौधरी को 526,733 वोट मिले थे. हालांकि, चुनाव के नतीजे के कुछ दिनों बाद यह बात सामने आई कि इस सीट पर ईवीएम में डाले गए कुल वोट 1,136,538 थे, जबकि गिने गए कुल मत ईवीएम में डाक मतपत्र को छोड़कर 1,140,349 थे. जो डाले गए मतों से कुल 3,811 ज्यादा थे.


करीमगंज सीट पर पुनर्मतदान का हो आदेश 


कांग्रेस उम्मीदवार चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जैसे ही हमें ईवीएम में डाले गए वोटों और गिने गए वोटों में अंतर के बारे में पता चला, हमने चुनाव आयोग को शिकायत भेजी है. ये चुनाव नतीजों पर सवाल उठाती है और भ्रष्ट आचरण को दर्शाती है. इसलिए, कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि करीमगंज में पुनर्मतदान का आदेश दिया जाना चाहिए. इस दौरान चौधरी ने चुनाव आयोग से लोकसभा सीट में पुनर्मतदान का आदेश देने और मामले का समाधान होने तक बीजेपी उम्मीदवार की जीत की घोषणा स्थगित रखने का आग्रह किया.


चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठा सवाल- कांग्रेस उम्मीदवार


कांग्रेस उम्मीदवार हाफ़िज़ रशीद अहमद चौधरी ने कहा कि हमने गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए अपने पास उपलब्ध सभी विकल्पों को आजमाया है. ऐसे में 3,811 वोटों का अंतर चुनाव की निष्पक्षता पर शक पैदा करता है. चूंकि हमारी शिकायतों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए हमारे पास कानूनी उपाय अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.


कांग्रेस उम्मीदवार ने बताया कि उन्होंने मतदान के दिन 26 अप्रैल को करीमगंज में वोटों में धांधली के बारे में चुनाव आयोग में 19 शिकायतें दर्ज कराई थीं और 38 मतदान केंद्रों के नाम भी बताए थे जहां ऐसी गड़बड़ियां हुईं थी.


करीमगंज सीट के रिटर्निंग ऑफिसर और डीसी को जांच का आदेश- मुख्य चुनाव अधिकारी


इस मामले में असम के मुख्य चुनाव अधिकारी अनुराग गोयल ने मतगणना के 4 दिन बाद 8 जून को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि करीमगंज सीट के रिटर्निंग ऑफिसर और डीसी करीमगंज को इस कमियों की जांच करने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है.


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