Assam DGP Meets Islamic Leaders: असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत (Jyoti Mahanta) ने रविवार 4 सितंबर को राज्य भर के विभिन्न इस्लामी संगठनों से बातचीत कर आतंक को लगाम लगाने में अपना समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि राज्य में हजारों निजी मदरसे हैं. सभी अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार अलग-अलग नियमों के आधार पर अपना काम करते हैं, हमने उन सभी को अपने नियम ऑनलाइन अपलोड करने को कहा और इन नियमों को अपलोड करने के लिए कुछ समय दिया.
उन्होंने आगे कहा कि आज हमने राज्य भर के इस्लामी संगठनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उनके सहयोग के बिना हम राज्य में अल-कायदा और अन्य आतंकी माड्यूल का भंडाफोड़ नहीं कर सकता है. हमने उनसे अपना समर्थन और सहयोग देने का आग्रह किया और उन्होंने हमें अपने समर्थन का भी वादा किया.
असम मे आतंकी गतिविधियों को कौन दे रहा था बढ़ावा?
बीते दिनों ऐसी खबरें आईं थी कि कुछ आतंकवादी धार्मिक शिक्षकों के भेश में राज्य में घुस आए थे और चुपचाप अपनी हिंसक और राज्य विरोधी गतिविधियों को बढ़ा रहे थे. उसके आधार पर ही पुलिस ने अल-कायदा इंडियन कॉन्टिनेंट (एक्युआईएस) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े 38 लोगों को गिरफ्तार किया था.
बीती बुधवार रात को गुवाहटी से एक्युआईएस और एबीटी से जुड़े एक अधिकारी को गिरफ्तार किया था. इस बीच असम में अधिकारियों ने तीन अलग-अलग जिलों में तीन मदरसों को इस आरोप के बाद ध्वस्त कर दिया कि उनके परिसर का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.
क्या बोले असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा?
वहीं असम (Assam) में अधिकारियों ने तीन अलग-अलग जिलों में तीन मदरसों पर आतंकी गतिविधियों के प्रसार का आरोप लगाते हुए ध्वस्त कर दिया था. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने इन मदरसों को ढहाए जाने पर कहा था कि कुछ मदरसे प्रबंधन संस्थान नहीं बल्कि आतंकवादी केंद्र चला रहे थे.
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