Amritpal Singh: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की जेल में कर रहा था मदद, डिब्रूगढ़ का जेलर गिरफ्तार, स्पाई कैम और फोन बरामद
Dibrugarh Central Jail: खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) के प्रमुख अमृतपाल समेत इसके 10 सदस्य डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.
Dibrugarh Jailor Arrested: असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को शुक्रवार (08 मार्च) को गिरफ्तार किया गया है. जेलर पर कट्टरपंथी संगठन वारिस पंजाब दे से संबंधित अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की मदद करने का आरोप लगा है. कुछ दिन पहले इन कौदियों के पास से स्मार्टफोन, स्पाईकैम समेत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए थे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि जेल अधिकारी को ‘‘ढिलाई बरतने’’ के आरोप में तड़के गिरफ्तार किया गया और इस समय वह डिब्रूगढ़ सदर पुलिस थाने में है. असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार की उन कोठरियों से पिछले महीने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए थे, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किए गए कैदियों को रखा गया है.
सिम कार्ड, फोन और टीवी रिमोट भी हुआ बरामद
अधिकारी ने बताया कि डिब्रूगढ़ जेल अधिकारी की गिरफ्तारी इसी मामले में की गई है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी पी सिंह ने कहा था कि जेल परिसर की तलाशी लेने पर सिम कार्ड के साथ एक स्मार्टफोन, एक सामान्य फोन, कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट, एक स्पाईकैम पेन, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन और स्पीकर जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए थे.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिये बताया था कि अनधिकृत गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलने के बाद रासुका ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उन्होंने कहा था कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है और एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं.
अमृतपाल सिंह भी इसी जेल में बंद
खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) के प्रमुख अमृतपाल समेत इसके 10 सदस्य डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. इस कट्टरपंथी समूह के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पंजाब के विभिन्न हिस्सों से इन लोगों को रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था और वे पिछले साल से इस जेल में बंद हैं.
पंजाब से कट्टरपंथी समूह के सदस्यों को डिब्रूगढ़ जेल लाए जाने के बाद से कारागार में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई, जिसके तहत जेल में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और खराब कैमरों की मरम्मत की गई थी या उन्हें बदला गया था. पूर्वोत्तर भारत के सबसे पुराने और उच्च सुरक्षा वाले कारागारों में शामिल डिब्रूगढ़ जेल का निर्माण 1859-60 में ब्रिटेन के शासन के दौरान हुआ था.