गुवाहाटी: बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के उम्मीदवार रंगजा खुंगूर बासुमतरी के असम में विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी में शामिल होने के मुद्दे पर भारतीय निर्वाचन आयोग शनिवार को सुनवाई करेगा. एक सूत्र ने बताया कि चुनाव आयोग (ईसीआई) शनिवार दोपहर 12 बजे इस मामले में सुनवाई करेगा.


असम में तीसरे चरण के मतदान से पहले बासुमतरी ने अपनी पार्टी छोड़ दी और बृहस्पतिवार को वह बीजेपी में शामिल हो गये. वह तामुलपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं जहां तीसरे चरण में मतदान होगा. चुनाव आयोग दिल्ली में बीपीएफ द्वारा बृहस्पतिवार को की गयी शिकायत पर कार्रवाई कर रहा है. बीपीएफ असम में हो रहे चुनाव में विपक्षी कांग्रेस की सहयोगी है.


बासुमतरी कथित तौर पर दो दिन तक लापता थे और बुधवार की आधी रात को वह वरिष्ठ बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा से मिले. सरमा ने ट्वीट किया कि उन्होंने बीपीएफ उम्मीदवार से मुलाकात की है और वह बीजेपी में शामिल होंगे. इसके बाद रंगजा खुंगूर बासुमतरी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए.





बासुमतरी ने एक स्थानीय टीवी चैनल से कहा कि उन्होंने बीपीएफ से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है क्योंकि पार्टी ने चुनाव प्रचार के दौरान धन के मामले में उनकी कोई मदद नहीं की. बासुमतरी ने कहा कि तकनीकी कारणों से अब उम्मीदवारी वापस लेना संभव नहीं है, लेकिन वह बीजेपी की सहयोगी यूपीपीएल के उम्मीदवार लेहो राम बोरो का समर्थन करेंगे.


इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि बासुमतरी बीजेपी द्वारा धमकी दिए जाने की वजह से गायब हो गये थे. उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत में चुनाव के दौरान कहीं भी इस तरह की अनैतिक गतिविधियां नहीं हुईं. आप (बीजेपी) गलत तरीकों से चुनाव जीतना चाहते हैं. यह फासीवादी मानसिकता है और यही बीजेपी की शिक्षा है.’’


तिवारी ने कहा, ‘‘वह पार्टी लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रणाली में भरोसा नहीं करती.’’ उन्होंने मांग की कि राज्य की बीजेपी सरकार जनता को बताए कि दो दिन तक बासुमतरी के साथ क्या हुआ. उन्होंने चुनाव आयोग से इस घटनाक्रम पर विस्तार से जांच की मांग की. इस बीच सूत्रों ने कहा कि सरमा ने इस मामले में चुनाव आयोग को अपना जवाब भेज दिया है. हालांकि उनके जवाब में क्या कहा गया है, उसकी जानकारी अभी नहीं मिली है.