नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज पेट्रोल-डीजल की कीमतों और बेरोजगारी के मसले पर मोदी सरकार को घेरा. करीब तीन दशक तक राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करने वाले मनमोहन सिंह ने बीजेपी पर लोगों को धर्म और भाषा के नाम पर बांटने का भी आरोप लगाया.


असम विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने राज्य के लोगों से आह्वान किया कि वे समावेशी विकास के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले ‘महाजोत’ (महागठबंधन) के पक्ष में मतदान करें.


उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘कई वर्षों तक असम मेरा दूसरा घर रहा है. यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने राज्यसभा में असम का 28 वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया. मैं असम के लोगों के स्नेह और समर्थन के लिए उनका आभारी हूं.’’


मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘ असम के लोगों ने मुझे पांच साल तक देश के वित्त मंत्री और 10 साल तक प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा का मौका दिया....आज समय आ गया है कि इस विधानसभा चुनाव में लोग समझदारी के साथ मतदान करें.’’


पूर्व प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘असम के लोगों ने लंबे समय तक उग्रवाद और अशांति को झेला. तरुण गोगोई की अगुवाई में असम ने शांति और विकास की दिशा में कदम बढ़ाया. अब वहां पर समाज को धर्म, भाषा और संस्कृति के आधार पर बांटा जा रहा है. लोगों को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.’’






उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बगैर उस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नोटबंदी और गलत ढंग से जीएसटी लागू करने से अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई है. युवा रोजगार के लिए परेशान हैं. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से आम आदमी परेशान है. गरीब और गरीब हो रहे हैं. कोविड के संकट ने लोगों के लिए और भी मुश्किल पैदा कर दी है.’’


सिंह ने जनता का आह्वान किया, ‘‘आपको एक ऐसी सरकार के लिए वोट करना चाहिए जो संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बरकरार रखे, हर नागरिक की परवाह करे और समावेशी विकास करे. असम में कांग्रेस उसकी भाषा, इतिहास और संस्कृति की रक्षा करने और विकास के लिए प्रतिबद्ध है.’’


उन्होंने असम में सीएए को लागू नहीं करने समेत कांग्रेस के पांच प्रमुख वादों का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन के पक्ष में मतदान करना चाहिए.


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