नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार शाम पांच बजे गुवाहाटी में असम विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी करेंगे. राहुल असम के दो दिनों के दौरे पर हैं, जहां वो पहले चरण के अंतर्गत आने वाले मतदान के इलाकों यानी ऊपरी असम में पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं.
असम में कांग्रेस का पूरा प्रचार 'पांच गारंटी' के इर्द गिर्द चल रहा है. जाहिर है ये 'पांच गारंटी' पार्टी घोषणापत्र में सबसे अहम होंगे. ये हैं..
1. नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लागू ना करना.
2. पांच सालों में पांच लाख सरकारी नौकरियां और निजी क्षेत्र में 25 लाख नौकरियों का सृजन.
3. चाय बागानों के कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी 365 रुपये देना.
4. 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली.
5. सभी महिलाओं के लिए 2000 रुपए तक का गृहणी सम्मान मानदेय पेंशन
कांग्रेस को उम्मीद है कि तीस लाख नौकरी और गृहणी सम्मान निधि का वादा गेमचेंजर साबित होगा. सरकारी नौकरी के लिए कांग्रेस ने वेबसाइट तक बना दिया है. कांग्रेस एलान कर रही है कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में इन वादों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होंगे.
चुनाव के लिए असम में मौजूद पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने एबीपी न्यूज से कहा कि हमने पूरा होमवर्क किया है. सवा लाख युवा अब तक नौकरी वाली वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. गौरव ने कहा कि गृहणी सम्मान निधि में 14 हजार करोड़ का खर्च आएगा. असम का पिछला बजट सवा लाख करोड़ का था. कांग्रेस सभी वादे पूरे करेगी. गौरव वल्लभ के मुताबिक 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने में सरकार पर 4 हजार करोड़ का खर्च होगा. इससे असम के हर परिवार को 1400 रुपए प्रति माह की बचत होगी.
चाय बागानों में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस चाय उद्योग के लिए अलग मंत्रालय बनाने का वादा कर सकती है. साथ ही मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा देने का वादा भी किया जा सकता है. पार्टी घोषणापत्र से जुड़े एक नेता ने बताया कि इसके लिए असम के विभिन्न वर्गों से बात की गई है और उनके सुझावों को शामिल किया गया है.
आपको बता दें कि असम में कांग्रेस ने एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है. कांग्रेस के पांच गारंटी का वादा एआईयूडीएफ भी कर रही है. राहुल गांधी के लौटने के बाद प्रियंका गांधी 21 और 22 मार्च को असम में प्रचार करेंगी.
असम में पहले तीन चरणों में चुनाव होने हैं. बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस की 15 सालों की तरुण गोगोई सरकार को पराजित किया और सर्वानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री बने. असम में सीएए विरोधी माहौल और एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस को सत्ता में वापसी का भरोसा है.
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