Explained: असम के दरांग जिले में हिंसा, जानिए इस मामले में अबतक क्या क्या हुआ है
Assam Eviction Drive Clashes: ढोलपुर में पुलिस अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही है. तस पुलिस बल इस इलाके में रह रहे 800 परिवारों को हटाने पहुंचा तो ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा.
Assam Eviction Drive Clashes: हिंसा को लेकर असम सरकार एक बार फिर विवादों में है. ताजा विवाद राज्य के दरांग जिले में कल हुई हिंसा को लेकर है. यहां दरांग जिले के ढालपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच जबरदस्त झड़प हुई. इस दौरान पुलिस की गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. राज्य सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. समझिए पूरा मामला क्या है.
पहले समझिए विवाद कैसे हुआ
दरअसल जिले के ढालपुर में पुलिस अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही है. तस पुलिस बल इस इलाके में रह रहे 800 परिवारों को हटाने पहुंचा तो ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. इस विरोध को दबाने के लिए पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई. परिवारों का दावा है कि जिस जमीन पर वे दशकों से रह रहे थे, उससे उन्हें बेदखल कर दिया गया है. ये लोग लगभग 4,500 बीघा भूमि पर जीवन बसर करते हैं.
झड़प के बाद और बिगड़े हालात
इस घटना के बाद इलाके में हालात तब और ज्यादा बिगड़ गए, जब अधमरे शख्स के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. इसके बाद घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और लोग पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाने लगे.
वायरल वीडियो में उड़ी कानून की धज्जियां
वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक, एक ग्रामीण पुलिस की ओर लाठी लेकर भागता दिख रहा है. इसके बाद पुलिस की कई बंदूकें और लाठी उसकी ओर तन जाती हैं. एक गोली लगते ही ग्रामीण नीचे गिर जाता है और फिर कई पुलिसवाले शख्स पर लाठियां बरसाकर उसे अधमरा कर देते हैं. इसके बाद भी कई पुलिसवाले घायल शख्स पर लाठियां बरसाते रहते हैं. कानून के इन पहरेदारों के बीच कैमरामैन आगे बढ़ता है और जमीन पर बेसुध हो चुके शख्स के सीने पर कूद जाता है, उसकी गर्दन को घुटने से दबाता है और उसको मुक्के मारता है. इतना सब होने के बावजूद कानून की हिफाजत करने वाली पुलिस उसे बस वहां से चले जाने को कहती है.
घायल के शरीर पर कूदने का आरोपी कैमरामैन गिरफ्तार
असम पुलिस की ये करतूत वायरल वीडियो के जरिए बाहर आई तो जवाब देना मुश्किल हो गया. बाद में हमला करने वाले कैमरामैन बिजॉय बोनिया को गिरफ्तार कर लिया गया.
विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर
इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस की कार्रवाई को राज्य सरकार की तरफ से प्रायोजित गोलीबारी करार दिया. राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘असम में सरकार प्रायोजित आग लगी हुई है. मैं राज्य के अपने भाइयों एवं बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत का कोई बच्चा इसका हकदार नहीं है.’’ वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘गांधी जी की प्रेरणा से चलने वाले देश को बीजेपी हिंसा और नफरत की आग में झोंक देना चाहती है. हिंसा और नफरत ही उसकी कथनी और करनी है. असम की इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए, कम है.’’
प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया- SP
असम कांग्रेस ने इस मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) पद पर तैनात मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के छोटे भाई सुशांत बिस्वा सरमा को लेकर सरकार को घेरा है. हालांकि सुशांत बिस्वा ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों से पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों पर हमला कर पथराव किया था.
न्यायिक जांच की घोषणा
राज्य की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने इस घटना को लेकर जनता के बढ़ते गुस्से के मद्देनजर घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की घोषणा की. इस घटना की जांच गुवाहाटी हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की तरफ से की जाएगी.