Assam Extortion Charge: असम के बजाली जिले में सोमवार को बिजनेसमैन से रंगदारी मांगने के मामले में क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. अब व्यवसायी रबीउल इस्लाम का बयान सामने आया है कि कैसे पुलिस ने उससे जबरन वसूली के नाम पर धमकाया और पैसे न देने पर फेक एनकाउंटर की बात कही.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यवसायी रबीउल इस्लाम ने बताया कि पहले पुलिस ने उसे गलत तरीके से हिरासत में लिया और 2.5 करोड़ रुपये देने के लिए कहा. इतना ही नहीं रबीउल से ये तक कहा गया कि पैसे न देने पर उसे एनकाउंटर में मार दिया जाएगा और उसकी हत्या के पीछे का कारण यह दिया जाएगा कि उसके पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों जिहादी तत्वों के साथ संबंध थे. अपनी शिकायत में इस्लाम ने आगे बताया कि धमकियां ऐसे शख्स ने दी थीं जिसने खुद का एनकाउंटर स्पेशलिस्ट होने का दावा किया था. 


क्या है पूरा मामला


पीटीआई एजेंसी के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने एक सितंबर को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि अगस्त के पहले हफ्ते में ‘‘बजाली जिले के कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा रुपये की मांग किए जाने के संबंध में शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया था.’’ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच कर रहे अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने बजाली के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) को गिरफ्तार किया जबकि रविवार रात को उनके आवास की तलाशी भी ली गयी. पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को भी गिरफ्तार किया गया है. 


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), उनके पति और चार अन्य पुलिसकर्मी पहले ही हिरासत में हैं. ये सभी बजाली जिले में तैनात थे. मामले में एक नागरिक को भी पकड़ा गया है. डीजीपी ने बताया कि वसूली मामले में गिरफ्तार लोगों से शीर्ष पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. ये गिरफ्तारियां एक पुलिस उपाधीक्षक और दो उप-निरीक्षकों सहित बजाली के सात पुलिस कर्मियों के खिलाफ गुरुवार को दर्ज आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के मामले के संबंध में की गई. 


शिकायत दर्ज किए जाने के फौरन बाद बजाली के पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया गया है. डीजीपी ने पिछले सप्ताह बताया था, ‘‘शिकायत प्रथम दृष्टया सही’’ पाए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि जनता के साथ दुर्व्यवहार करते पाए जाने वाले किसी भी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को पूरा अधिकार दिया गया है. 


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