Assam Flood: असम (Assam) में बाढ़ की स्थिति में मंगलवार को थोड़ा सुधार देखने को मिला है. हालांकि, बाढ़ में दो और लोगों की मौत हो गई और 17 जिलों में 5.8 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए. दो और लोगों की मौत के साथ ही राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 26 हो गई है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, एक व्यक्ति की नागांव जिले के कामपुर में और दूसरे की कछार जिले के उदरबोंड में मौत हो गई. आगे रिपोर्ट करते हुए, एएसडीएमए ने कहा कि राज्य के 17 जिलों में 5,80,100 से अधिक लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं. ये 17 जिले कछार, दारांग, दीमा हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, जोरहाट, कामरूप, कामरूप महानगर, कार्बी-आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, लखीमपुर, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी और सोनितपुर हैं.
नागांव बाढ़ में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित
एएसडीएमए की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, इन 17 जिलों में से नागांव बाढ़ में 3.46 लाख से अधिक लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इसके बाद कछार में लगभग 1.78 लाख लोग और मोरीगांव में 40,900 से अधिक लोग हैं. गौरतलब है कि शनिवार तक राज्य के 22 जिलों में बाढ़ से 6.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने 24 मई को दीमा हसाओ जिले में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि अधिकांश सड़क और बिजली आपूर्ति नेटवर्क, जलापूर्ति और सिंचाई के बुनियादी ढांचे और लटकते पुल प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
राज्य सरकार के अधिकारी जल्द करेंगे दौरा- सीएम सरमा
सीएम ने कहा, "पिछले पांच से दस सालो में जिलों में किए गए विकास कार्य लगभग क्षतिग्रस्त हो गए हैं." मुख्यमंत्री आगे बोले, राज्य सरकार के अधिकारी जल्द ही दौरा करेंगे और बुनियादी नागरिक सेवाएं जैसे परिवहन, बिजली आदि प्रदान करने वाले सरकारी बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन करेंगे."
सरमा ने आगे कहा, "विस्तृत रिपोर्ट के बाद, सरकार नई योजनाओं के साथ हर्जाने का पुनर्निर्माण और निर्माण करेगी. राज्य सरकार जल्द ही सतह संचार के लिए छोटे नुकसान के पुनर्निर्माण के लिए उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) को एक राशि मंजूर करेगी." उन्होंने ये भी घोषणा की कि केंद्रीय टीम हाल की बाढ़ में सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक दीमा हसाओ का दौरा करेगी और नुकसान का आकलन करेगी और केंद्र और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी.
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