असम स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की वजह से अब तक कम से कम 131 वन्य जीव मारे गए हैं जबकि 96 अन्य को बचा लिया गया है. एक अधिकारी ने सोमवार (8 जुलाई, 2024) को बताया कि 98 जानवरों की मौत डूबने से हुई है.


मृत जानवरों में छह गैंडे और 117 पाढ़ा (हिरण की प्रजाति का जानवर) शामिल हैं. इनमें 98 की मृत्यु डूबने से, दो की वाहन की चपेट में आने से और 17 इलाज के दौरान मारे गए. दो सांभर, एक रीसस मकाक (बंदर की प्रजाति) और एक ऊदबिलाव की मौत डूबने के कारण हुई.


इलाज के दौरान कुल 25 जानवरों की मौत हुई जिनमें 17 पाढ़ा, एक बारासिंगा, एक रीसस मकाक और एक ऊदबिलाव शामिल हैं. वन अधिकारियों ने 85 पाढ़ा, दो गैंडों, दो सांभर, दो उल्लू, एक बारासिंगा, एक खरगोश, एक रीसस मकाक, एक ऊदबिलाव, एक हाथी और एक जंगली बिल्ली को बचाया.


अधिकारी ने बताया कि फिलहाल 25 जानवरों का इलाज किया जा रहा है जबकि 52 अन्य का इलाज हो चुका है. नेशनल पार्क पिछले कुछ वर्षों में अब तक की सबसे भीषण बाढ़ से प्रभावित हुआ है. इससे पहले 2017 में आई भीषण बाढ़ के कारण 350 से अधिक वन्यजीव मारे गए था.


हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि राज्य में बाढ़ ने इंसानों और जानवरों को समान रूप से प्रभावित किया है और हर किसी की मदद के लिए टीम असम चौबीसों घंटे काम कर रही है. हिमंत विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मैंने हाल में काजीरंगा से गुजरते समय फंसे हुए नन्हे गैंडे को देखा और इसके तत्काल बचाव का निर्देश दिया.'


अधिकारी ने बताया कि पूर्वी असम वन्यजीव प्रभाग में कुल 233 शिविरों में से 69 शुक्रवार शाम तक बाढ़ में डूबे हुए थे. इस बीच, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एनएच-37 (नया एनएच-715) पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित करने और इनकी गति 20 से 40 किमी/घंटा के बीच सीमित करने के लिए निषेधाज्ञा लागू है.


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