Assam Flood: असम में बाढ़ प्रभावितों की संख्या हुई दोगुनी, भारी बारिश की चेतावनी, परीक्षाएं स्थगित - बड़ी बातें
Assam Flood Situation: असम में 4 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. 24 घंटों में ही यहां प्रभावितों की संख्या दोगुनी हो चुकी है.
Assam Flood Situation: एक तरफ जहां दिल्ली जैसे शहरों में भीषण गर्मी से पिछले सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं, वहीं पूर्वोत्तर में भारी बारिश लोगों पर कहर बनकर टूटी है. यहां तेज बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के हालात बन चुके हैं, वहीं लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं. मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, अगले 4 दिनों तक बारिश होगी.
जानकारी के मुताबिक, असम में 4 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. 24 घंटों में ही यहां प्रभावितों की संख्या दोगुनी हो चुकी है. लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से असम के बराक घाटी और दीमा हसाओ जिले और पड़ोसी राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर से रेल और सड़क संपर्क टूट गया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया है कि प्रभावित लोगों की संख्या सोमवार को 20 जिलों के 1,97,248 से 26 जिलों में 4,03,352 तक पहुंच गई है.
गृहमंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
करीब एक लाख प्रभावित लोगों के साथ कछार सबसे अधिक प्रभावित जिला है, वहीं दीमा हासाओ के कई इलाकों में भूस्खलन जारी है. भूस्खलन में मारे गए 5 लोगों सहित मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम को केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है, जबकि राज्य प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और संचार चैनलों को बहाल करने के उपाय कर रहा है. अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा, “असम के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर स्थिति को लेकर चिंतित हूं. स्थिति का जायजा लेने के लिए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से बात की. एनडीआरएफ की टीमें पहले ही तैनात कर दी गई हैं. केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.”
बारिश की चेतावनी जारी
क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र, गुवाहाटी ने बुधवार तक असम में "बहुत भारी" बारिश और अगले पांच दिनों तक पूरे राज्य में व्यापक बारिश की चेतावनी जारी की है. कई प्रभावित क्षेत्रों के करीब 1 हजार राहत शिविरों में एक लाख के आसपास लोगों ने शरण ली है. सोमवार से 11 तटबंध टूट गए हैं, जबकि छह अन्य प्रभावित हुए हैं, इसके अलावा घरों, सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है.
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उन्होंने अपने मेघालय समकक्ष के साथ मार्ग को मंजूरी देने का मामला उठाया है. सरमा ने ट्वीट किया: “मेघालय में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के मद्देनजर, बराक घाटी में यात्रियों और माल ढोने वाले भारी वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है. मैंने मुख्यमंत्री संगमा कोनराड से अनुरोध किया है कि कृपया हस्तक्षेप करें और सहायता प्रदान करें. उन्होंने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है."
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सुरक्षाबल
बाढ़ और भूस्खलन से मची इस तबाही के बीच भारतीय सुरक्षाबलों के जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं. सेना और असम राइफल्स ने कछार के कई हिस्सों में बाढ़ बचाव अभियान के लिए दो कॉलम शुरू किए हैं. असम राइफल्स की श्रीकोना बटालियन के दोनों पक्षों और सेना के जवानों ने कुल लगभग 500 ग्रामीणों को बचाया. देर शाम तक बचाव के प्रयास जारी थे. वहीं वायु सेना दीमा हसाओ से फंसे हुए ट्रेन यात्रियों को एयरलिफ्ट करने में सहायता कर रही है. एयरफोर्स से न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन से 35 फंसे हुए रेल कर्मचारियों और उनके परिवारों को बचाने के लिए अनुरोध किया गया है, जो मलबे में दब गया है. वहीं आवश्यक आपूर्ति करने के लिए भी कहा गया है.
परीक्षाएं की गईं स्थगित
असम में बुधवार से शुरू होने वाली हायर सेकेंडरी फर्स्ट ईयर (कक्षा 11) की परीक्षाएं बाढ़ और पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश से हुई व्यापक क्षति के कारण आंशिक रूप से स्थगित कर दी गई हैं. अरुणाचल प्रदेश में, कई क्षेत्रों में भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं जिससे वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है. असम के ईटानगर से गोहपुर और लोअर सुबनसिरी जिले के जीरो से पोटिन होते हुए सड़कें मिट्टी के खिसकने के कारण अवरुद्ध हो गईं. अधिकारियों ने बताया कि यहां ईटानगर-बंदरदेवा एनएच-415, ईटानगर गोम्पा और आरडब्ल्यूडी कॉलोनी के साथ करसिंगसा ब्लॉक प्वाइंट से भी भूस्खलन की खबर है. उधर त्रिपुरा ने प्रति व्यक्ति द्वारा पेट्रोल या डीज़ल खरीदने की मात्रा को नियंत्रित कर दिया है.
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