Assam Flood: असम में बाढ़ से लगातार बिगड़ते हालात के बीच बुधवार को आठ और लोगों की मौत हो गयी, जबकि बाढ़ से 27 जिलों के 16.25 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी. मंगलवार तक राज्य के 23 जिलों में 11.50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित थे.


असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, सोनितपुर जिले के तेजपुर राजस्व क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि मोरीगांव के मायोंग, डिब्रूगढ़ के नहरकटिया, दरांग के पब मंगलाडी, गोलाघाट के देरगांव, बिश्वनाथ के हलेम और तिनसुकिया के मार्गेरिटा में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हुई. इसके साथ ही इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 56 हो गई है.  


इन जिलों में दिखा असर


इसके अलावा सोनितपुर, शिवसागर और गोलाघाट जिलों में तीन अन्य लोग लापता हैं तथा उनके बाढ़ के पानी में बह जाने की आशंका है.बाढ़ के कारण बारपेटा, विश्वनाथ, कछार, चराईदेव, चिरांग, दारांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप मेट्रोपोलिटन, कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तमुलपुर, तिनसुकिया और उदालगुड़ी जिले प्रभावित हैं.


बाढ़ के कारण 2.90 लाख से अधिक लोग शिविर में हुए स्थानंतरित


रिपोर्ट में कहा गया है कि लखीमपुर में सबसे ज्यादा 1.65 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रशासन, राज्य आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, आपात सेवा और वायु सेना राज्य के विभिन्न हिस्सों में बचाव एवं राहत अभियान में शामिल है. विभिन्न जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए 490 राहत शिविरों में 2.90 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर प्रभावित जिलों में बाढ़ के पानी के कारण तटबंधों, सड़कों, पुलों तथा अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचा है.


गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सरकार के पास पर्याप्त निधि


असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य में बाढ़ की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए उनकी सरकार के पास पर्याप्त निधि है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जरूरत पड़ने पर सहायता का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री ने यहां मंत्रिमंडल की एक बैठक की अध्यक्षता के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास स्थिति से निपटने के लिए 1,300 करोड़ रुपये का केंद्रीय कोष है.


नुकसान का आकलन 15 अगस्त तक होगा पूरा


उन्होंने कहा, ''सभी मानदंडों का पालन करते हुए हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने हमें जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने का भी आश्वासन दिया है.'' शर्मा ने कहा कि अगर अब बारिश नहीं हुई तो इस वर्ष दूसरी बार आई बाढ़ से हालात इस सप्ताह के भीतर ठीक होने की संभावना है, लेकिन अतीत में ऐसा देखा गया है कि आमतौर पर जुलाई में बारिश होती है.उन्होंने कहा, ''मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन 15 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा और लोगों को आवश्यक मुआवजा प्रदान किया जाएगा.


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