Flood In Assam: भारत (India) में बाढ़ (Flood) को इस साल सबसे बड़ी त्रासदी बताया जा रहा है. इस साल बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव असम (Assam) में देखने को मिला है. असम में इस साल बाढ़ से 55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि बाढ़ के कारण 198 लोगों की मौत हो गई. असम एक ऐसा राज्य है जहां साल में कई महीने लोग बाढ़ से प्रभावित रहते हैं और ऐसा इस साल भी हुआ.
अप्रैल से ही बाढ़ का खतरा (Flood Risk) असम में मंडराने लगा था. जिसके बाद देखते ही देखते मई और जून में बाढ़ का कहर (Flood Havoc) इस तरह सामने आया के कई लोगों की जान चली गई. गांव के गांव, खेत और खलिहान सब पानी ही पानी हो गए. असम में बाढ़ प्रभावित इलाकों और लोगों से उनकी समस्याएं जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम असम में जगह-जगह जाकर उनकी समस्याओं के बारे में जानने की कोशिश कर रहा है.
खेत छोड़कर मजदूरी करने पर मजबूर किसान
एबीपी न्यूज़ ने धेमाजी डिस्ट्रिक्ट के जोनाई इलाके का दौरा कर वहां बाढ़ प्रभावित लोगों का हाल जानने की कोशिश की. बता दें कि जोनाई धेमाजी डिस्टिक का सबडिवीजन है और जोनाई में भी बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है. बाढ़ के कारण लोगों की जिंदगी बेबसी और ना-उम्मीदी के साथ ही गुजर रही है. कामकाज पूरी तरह ठप हो गए हैं. दो वक्त की रोटी खाने के लिए लोगों को अपने खेत छोड़कर मजदूरी करनी पड़ रही है.
असम में बाढ़ के कहर से कोई नहीं बच पाया है. बाढ़ का सबसे अधिक असर खेती पर पड़ा है. किसान खेतों में फसल उगाने के लिए तीन-तीन बार रोपाई करने पर मजबूर हैं. खेत में रोपाई कर रहे लोगों ने बताया कि बाढ़ से उनका खेत और फसल कई बार खराब हो गई है. अब जब दो दिन से पानी नहीं चढ़ा है तो वापस से एक नई उम्मीद के साथ वह अपने खेत में रोपाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी से उनकी फसल खराब हो जाती है जिस वजह से उन लोगों की मुसीबतें और बढ़ जाती है.
फसल और खेत हुए बर्बाद
जोनई इलाके में गांव के भीतर तकरीबन एक सी ही तस्वीर देखने को मिली. एक अन्य स्थानीय नागरिक ने बताया कि उनके गांव में बाढ़ से इतना नुकसान हुआ है कि लोगों के घर ही तबाह हो गए हैं और वह लोग अब यहां से दूर कहीं रह रहे हैं. लोगों की फसल और खेत सब खराब हो गए हैं. उन्होंने बताया कि दस दिनों तक गांव और खेतों में पानी भरा रहा और अब जब पानी सूखा है तो फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है कि लोगों की फसल बर्बाद हुई है. पिछले 2 महीने में दो-तीन बार नई फसल लगा चुके हैं लेकिन बार-बार बारिश और बाढ़ के पानी की वजह से फसल और खेत पूरी तरह कई बार बर्बाद हो चुके हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि वो संकट की इस घड़ी में सरकार से मदद की उम्मीद रखते हैं लेकिन अभी तक उनको कोई मुआवजा नहीं मिला है. सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलने से स्थानीय लोगों में काफी मायूसी है. वे अपना और परिवार का पेट भरने के लिए जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं.
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