गुवाहाटी: असम में बाढ़ और इससे संबंधित घटनाओं में सात और लोगों की मौत हो गई जबकि विभिन्न स्थानों पर तटबंधों, सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचने के साथ ही करीब 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ में 33 लोगों ने जान गंवाई है जबकि 24 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हो गई.


असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार बुधवार को बारपेटा जिलें में तीन व्यक्तियों की और धुबरी, नगांव और नालबाड़ी में एक-एक व्यक्ति की बाढ़ जनित घटनाओं में मौत हो गयी जबकि कछार जिले में भूस्खलन में 50 वर्षीय एक व्यक्ति मारा गया.


अधिकरण ने बताया कि राज्य के 33 में से 23 जिलों में रहने वाले लगभग 14.95 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही हैं.


बाढ़ की चपेट में आए ये इलाके


असम के धेमाजी, लखीमपुर, उदालगिरि, चिरांग, दर्रांग, नालबारी, बारपेटा, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमारा, ग्वालपारा, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), मोरीगांव, होजाई, नगांव, गोलाघाट, जोरहट, मजूली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और पश्चिमी कर्बी आंगलोंग जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.


बारपेटा जिला सबसे ज्यादा प्रभावित


राज्य में बाढ़ की सबसे अधिक मार बारपेटा पर पड़ी है, जहां तीन लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. दक्षिण सालमारा में 1.95 लाख, नालबारी में 1.17 लाख और मोरीगांव और धेमाजी जिले में एक -क लाख लोग बाढ़ से बेहाल और परेशान हैं. ब्रह्मपुत्र नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं उसकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं.


सरकार के मुताबिक अभी तक राज्य में 2,071 गांव बाढ़ के कारण डूबे हुए हैं जबकि 68 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में फैली फसल को इससे नुकसान हुआ है.


Coronavirus: गौतम बुद्ध नगर में 31 जुलाई तक लागू रहेगी धारा 144, इन नियमों का करना होगा पालन