एक्सप्लोरर
Advertisement
'अदालतों में अपराधियों को वकील...', असम गैंगरेप पर भड़के सीएम सरमा ने कर दी ये मांग
मुख्यमत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम गैंगरेप मामले पर कहा कि वकील, महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में आरोपियों के खिलाफ किसी भी तरह की सहानुभूति न दिखाएं.
Assam Gangrape: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी का मामला थमा नहीं था कि अब असम गैंगरेप ने देशवासियों के गुस्से को और बढ़ाने का काम किया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस मामले पर एक्शन मोड में हैं और दोषियों के खिलाफ सख्ती से निपटने की बात कर रहे हैं.
शनिवार (24 अगस्त) को असम के मुख्यमत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने वकीलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'समाज में लोग त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं क्योंकि अदालतों में वकील, अपराधियों को बचा रहे हैं. मुख्यमंत्री सरमा ने सिलचर बार एसोसिएशन (Silchar bar association) की 150वीं वर्षगांठ को संबोधित करते हुए ये बात कही.
सीएम सरमा ने जताई ये चिंता
सिलचर बार एसोसिएशन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के संबोधन के दौरान न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराना और अन्य वरिष्ठ वकील भी मौजूद रहे. सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस संबंध में एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, 'सिलचर बार एसोसिएशन में, मैंने वकीलों से कहा कि भीषण बलात्कार के मामलों में तत्काल न्याय की वजह ये है कि समाज को पता है कि ऐसे मामलों में आरोपी अपने वकीलों का उपयोग करते हुए जाहिर तौर पर न्यायिक प्रक्रिया को निराश करने का काम करेगा.' उन्होंने कहा कि वकीलों को काफी जिम्मेदारी से व्यवहार करने की जरुरत है.
असम गैंगरेप का किया जिक्र
सीएम सरमा ने कहा, 'असम के नागांव जिले के ढिंग इलाके में 14 वर्षीय लड़की के साथ हुई दरिंदगी के बाद हजारों की संख्या में लोगों ने नियमित न्यायिक प्रक्रिया की जगह तत्काल न्याय की माग की थी. लोगों ने ये नहीं कहा कि आप दोषियों को गिरफ्तार कीजिए या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कीजिए बल्कि सबसे पहले तत्काल न्याय मांगा था.'
वकीलों से की ये अपील
चिंता जताते हुए वो बोले कि ऐसा लगता है कि न्यायिक प्रक्रिया में लोग विश्वास खो रहे हैं और इसकी वजह है कि कई मामलों में न्याय मिलने में देरी हो रही है. उन्होंने वकीलों से अपील करते हुए कहा, 'महिलाओं के खिलाफ अपराध वाले मामलों में अभियुक्त के साथ किसी भी तरह की सहानुभूति न रखें, विशेष रूप से रेप और घरेलू हिंसा वाले मामलों में. इन मामलों की प्रक्रिया में भी देरी न की जाए. संभव हो तो इसे एक वर्ष के अंदर निपटा दिया जाए क्योंकि देरी की वजह से समाज में निराशा पैदा हो रही है जो लोगों को कानून को हाथ में लेने के लिए मजबूर कर रहा है.'
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
हरियाणा
बॉलीवुड
बिजनेस
Advertisement
डॉ. मनन द्विवेदीअसिस्टेंट प्रोफेसर, IIPA
Opinion