'धोखे से शादी' करने के उभरते चलन पर असम सरकार सख्त, फर्जी नाम बताकर शादी करने को बताया विश्वासघात
बुधवार को राज्य के वित्त, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बयान जारी कर कहा कि, जो मुस्लिम लड़के अपना झूठा नाम रखकर हिंदू लड़कियों से शादी करते हैं. वह असल में सच्ची शादी नहीं होती है बल्कि विश्वासघात होता है.
पिछले कुछ समय से कई राज्यों में लव जेहाद के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं भाजपा की अगुवाई वाली असम सरकार ने अब राज्य में धोखे से "शादी करने" के "उभरते चलन" पर नकेल कसने का फैसला कर लिया है. बुधवार को राज्य के वित्त, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस संबंध में बयान जारी किया. उन्होने कहा कि जो मुस्लिम लड़के अपना झूठा नाम रखकर हिंदू लड़कियों से शादी करते हैं, वह असल में सच्ची शादी नहीं होती है बल्कि विश्वासघात होता है.
धोखे से करते हैं शादी
असम मंत्री ने कहा कि, कई मुस्लिम लड़के हिंदू नाम से फेसबुक अकाउंट क्रिएट करते हैं और मंदिर में जाकर अपनी तस्वीर डाल देते हैं. वहीं जब एक बार लड़की ऐसे लड़कों से शादी कर लेती है तो उसे लडके की हकीकत का पता चलता है. इसे असली विवाह नहीं धोखा कहा जाता है.
धोखे से की गई शादी के खिलाफ लड़ेंगें
सरमा ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार धर्म के बाहर शादी के खिलाफ नहीं है अगर धोखे के बिना की गई हो. मंत्री ने कहा कि यह विचार "हमारी बेटियों और बहनों" को एक अंतर-विश्वास संबंध में फंसने से बचाने के लिए था. उन्होने कहा कि हम किसी भी ऐसी शादी के खिलाफ लड़ेंगे जो कि धोखे से की गई है या की गई थी.
मदरसों को लेकर भी दिया था बयान
बता दें कि इससे पहले असम मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मदरसों को लेकर भी बयान दिया था. उन्होने कहा था कि उनके राज्य में नवंबर महीने से सभी मदरसों को बंद करने संबंधित एक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होने कहा था कि राज्य में लगभग 100 संस्कृत स्कूल भी बंद किए जाएंगें.
ये भी पढ़ें
TRP पर अगले 12 हफ्ते तक लगाई गई रोक, NBA ने BARC के फैसला का स्वागत किया