CAA: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो चुका है. हालांकि, सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है. इन तमाम चीजों के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने खुलासा किया है कि राज्य में सीएए के तहत अब तक बराक वैली के एक शख्स ने ही नागरिकता के लिए आवेदन किया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सीएए नाम की कोई चीज नहीं है. राज्य में किसी ने अब तक अप्लाई नहीं किया है. अब तक केवल एक शख्स ने सीएए के तहत नागरिकता की मांग की है, जो बराक वैली का रहने वाला है.
'सीएए के खिलाफ प्रदर्शन गलतफहमी पर आधारित'
हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन गलतफहमी पर आधारित था और अब उन्हें (प्रदर्शनकारियों) अपना जवाब मिल चुका है. उन्होंने कहा कि सीएए को लागू हुए कई दिन बीत चुके हैं. असम में अब तक केवल एक आवेदन आया है. उन्होंने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कहते थे, लोग ट्रक भर कर राज्य में आएंगे.
सीएम ने दावा किया कि एक खास वर्ग के लोग भावनात्मक आधार पर राजनीति कर रहे हैं, जो अब साबित हो गया है. उन्होंने सोनारी निर्वाचन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां कई बंगाली बोलने वाले समुदाय हैं, लेकिन किसी ने भी सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट में 9 अप्रैल को होगी सुनवाई
सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई 237 याचिकाओं पर मंगलवार (9 अप्रैल 2024) को सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट में सीएए की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा इस बेंच का हिस्सा हैं.
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इन याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्तों का समय दिया था. इसकी मियाद आज यानी 8 अप्रैल को खत्म हो रही है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को सीएए लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.
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