सुलझेगा दशकों पुराना असम-मेघालय विवाद! '6 क्षेत्रों में डिस्प्यूट खत्म', कॉनराड संगमा से मुलाकात के बाद बोले हिमंत सरमा
Assam-Meghalaya Dispute: असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों के बीच आज दूसरे दौर की बैठक हुई. इसका फोकस पूर्वोत्तर राज्यों की 884.9 किमी सीमा के साथ छह क्षेत्रों में अंतरराज्यीय विवाद को हल करना था.
Assam-Meghalaya CMs Meet: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार (24 मई) को मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा से मुलाकात की. दोनों मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक में विवादित क्षेत्रों का समाधान निकालने पर चर्चा की गई. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बैठक के बाद कहा कि विवाद वाली 12 जगहों में से 6 को सुलझा लिया गया है. कुछ समय में बाकी समस्याओं को भी बातचीत कर सुलझा लिया जाएगा.
सरमा ने बैठक के बाद कहा कि संगमा और वह साथ हैं. अगले महीने असम के कार्बी आंगलोंग और मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स के विवादित क्षेत्रों का दौरा किया जाएगा, जहां समस्या थोड़ी जटिल है. हम संयुक्त रूप से जून के आखिर में कार्बी आंगलोंग और पश्चिम जयंतिया हिल्स जिलों का दौरा करेंगे. यह एक विश्वास-निर्माण उपाय होगा ताकि दोनों पक्षों के लोगों को आश्वासन दिया जा सके कि हम मतभेदों को दूर कर रहे हैं.
'विवादित 6 क्षेत्रों में सर्वे लगातार जारी है'
हालांकि, संगमा ने यह भी कहा कि इन छह क्षेत्रों में मतभेद जटिल हैं लेकिन इन्हें विश्वास और दोस्ती की भावना से हल किया जा सकता है. वहीं, जिन छह क्षेत्रों के लिए पिछले साल पहले चरण में दोनों राज्यों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, उनमें सर्वे और अन्य काम चल रहे हैं. विभिन्न विभागों और इंडियन सर्वे डिर्पाटमेंट को पहले चरण में काम जारी रखने के लिए कहा गया है. बाकी 6 क्षेत्रों के लिए जुलाई में बैठक की जाएगी.
क्यों है असम-मेघालय के बीच विवाद?
बता दें कि, मेघालय पहले असम राज्य का ही हिस्सा था. 21 जनवरी 1972 को असम के खासी, गारो और जैन्तिया पर्वतीय जिलों को काटकर नया राज्य मेघालय बनाया गया था. इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी, जिससे 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा के 12 क्षेत्रों में विवाद हुआ. सरमा ने मई 2021 में मुख्यमंत्री कार्यालय संभालने पर घोषणा की थी उनकी प्राथमिकता पड़ोसी राज्यों के साथ लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवादों को हल करना है.
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