Assam Meghalaya Border Dispute: मेघालय और असम के बीच छह विवादित क्षेत्रों से संबंधित मतभेदों को सुलझाने के उद्देश्य से दूसरे चरण की सीमा वार्ता रविवार को गुवाहाटी (Guwahati) में होगी. मेघालय केउपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसोंग (Meghalaya Deputy CM Prestone Tynsong) ने शनिवार को ये जानकारी दी. दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah)की उपस्थिति में 29 मार्च को नई दिल्ली में मुलाकात की थी. मुख्यमंत्रियों ने दोनों राज्यों के 12 विवादित क्षेत्रों में से छह को लेकर पांच दशक पुराने सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था.


दूसरे चरण की सीमा वार्ता करेंगे दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री 


इन्हीं छह विवादित क्षेत्रों से संबंधित मतभेदों को सुलझाने के उद्देश्य से दूसरे चरण की सीमा वार्ता रविवार को गुवाहाटी में होगी. तिनसोंग ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा (Meghalaya CM Conrad Sangma) और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा (Himant Biswa Sarma) की बैठक रविवार को गुवाहाटी में होगी. इस बैठक में मतभेद के शेष छह क्षेत्रों को सुलझाने के लिए सीमा वार्ता के दूसरे चरण को आगे बढ़ाने के मकसद से क्षेत्रीय समितियों के गठन पर चर्चा की जाएगी.’’


असम से सीमा विवाद सुलझाना मेघालय की प्राथमिकता


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि असम के साथ सीमा मुद्दे को सुलझाना मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की एक प्राथमिकता है. मार्च में जिन छह क्षेत्रों को अंतिम समझौते के लिए चुना गया था उनमें ताराबारी (4.69 वर्ग किलोमीटर), गिजांग (13.53 वर्ग किलोमीटर), हाहिम (3.51 वर्ग किलोमीटर), बोकलापारा (1.57 वर्ग किलोमीटर), खानापारा-पिलंगकाटा (2.29 वर्ग किलोमीटर) और रातचेरा (11.20 वर्ग किलोमीटर) शामिल है.


शेष छह क्षेत्रों में विवादित ब्लॉक 1 और 2 के गांव शामिल हैं, जिन्हें 50 के दशक में प्रशासनिक सुविधा के लिए तत्कालीन यूनाइटेड खासी और जयंतिया जिले से असम के कार्बी आंगलोंग जिले में स्थानांतरित किया गया था. 1972 में मेघालय को असम से अलग कर बनाया गया था और दोनों राज्य 733 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.


पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में है सीमा विवाद


पूर्वोत्तर भारत के सीमा विवादों में मुख्य रूप से असम-मिजोरम, असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नागालैंड और असम-मेघालय के बीच अंतर-राज्यीय संघर्ष शामिल हैं. प्रतिद्वंद्वी राज्यों की पुलिस बलों के बीच झड़पों सहित कई बार हुए विवादों के परिणामस्वरूप जीवन, आजीविका और संपत्ति का काफी नुकसान हुआ है. कुछ मामलों में सीमा विवाद बड़े राष्ट्रीय (अलगाववादी), उप-क्षेत्रीय और जातीय संघर्षों के साथ-साथ आपराधिक उद्यम का हिस्सा हैं. पूर्वोत्तर के जिलों में यह आंतरिक भूमि संघर्ष भारत के कुल 703 जिलों में से चल रहे भूमि संघर्षों से प्रभावित 322 जिलों का हिस्सा है.


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