Assam-Meghalaya Violence: शिलांग में नहीं थम रहा बवाल, 3 महिला सिपाहियों और पुलिस वाहनों पर हमला, तोड़फोड़-आगजनी से सहमे लोग
Assam-Meghalaya Border Violence: असम-मेघायल सीमा पर हुई हिंसा के विरोध में शिलांग के कई हिस्सों में प्रदर्शन किए गए. इस दौरान उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की. 3 महिला सिपाहियों को निशाना बनाया गया.
Assam-Meghalaya Border Violence Update: असम-मेघालय सीमा (Assam-Meghalaya Border) पर मंगलवार (22 नवंबर) को हुई हिंसा (Violence) के विरोध में गुरुवार (24 नवंबर) को शिलांग (Shillong) के कई हिस्सों में उपद्रव हुआ. पुलिस को उपद्रवियों से निपटने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. शाम को एक मोमबत्ती जुलूस के दौरान तोड़फोड़ और पुलिस वाहन पर हमले की घटना हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपद्रवियों ने एक यातायात बूथ को आग लगी दी और एक सिटी बस समेत तीन पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया.
वहीं, गुरुवार को ही शिलांग सिविल अस्पताल के परिसर में उपद्रवियों ने कथित तौर पर तीन महिला पुलिस सिपाहियों पर हमला कर दिया. बाताया जा रहा है कि तीनों महिला सिपाहियों को मामूली चोटें आई हैं. उनके वीडियो शाम तक सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने लगे. अस्पताल से निकलने के बाद उपद्रवियों ने कथित तौर पर राहगीरों और दो बाइक सवारों पर हमला कर दिया और कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिए. शहर में हो रही हिंसा की छिटपुट घटनाओं से लोग सहमे हुए हैं.
धारा 144 के बावजूद दिया गया धरना
पूर्वी खासी हिल्स के जिला मजिस्ट्रेट ने 31 अक्टूबर को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पूरे शहर और इसके आसपास के इलाकों में पांच या ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया था. प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए गुरुवार को शिलांग सिविल अस्पताल जंक्शन पर के पास प्रदर्शनकारियों ने धरना भी दिया.
वहीं, उपद्रवियों और पुलिस की झड़प में सात लोगों के घायल होने की बात सामने आई है. इनमें सेंटनेरी जंक्शन के पास घायल हुए एक नागरिक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. धनखेती में असम कृषि केंद्र और असम हाउस के बाहर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है. उल्लेखनीय है कि मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुकरु इलाके में गोलीबारी की एक वारदात में असम के वनरक्षक दल के एक जवान और मेघालय के पांच लोगों की मौत हो गई थी.
पुलिस अधिकारी ने दी ये जानकारी
ताजा घटना में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर तनाव दूर करने के लिए तैनात किए गए पुलिसबल पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके. सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और आदेश को लागू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. शिलांग में ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक S Nongtnger ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि घटना में एक सिटी बस और एक जिप्सी समेत तीन पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया. एसपी ने कहा, ''उपद्रवियों ने शहर में एक ट्रैफिक बूथ में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम फेंके.''
मेघालय के मुख्यमंत्री ने की अमिश शाह से बात
आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं तब हुईं जब गुरुवार को ही मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह असम पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी की घटना की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराएंगे.
संगमा ने यह भी कहा कि शाह से मुलाकात के दौरान उन्होंने गोलीबारी में मारे गए लोगों के लिए न्याय की भी मांग की और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी कहा. सीएम संगमा ने कहा कि असम पुलिस के जवानों ने मेघालय के वेस्ट जयंतिया हिल्स के मुकरु गांव में निर्दोष लोगों पर हमला किया.
क्या है मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम-मेघालय सीमा से लगे पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले की एक विवादित जगह पर मंगलवार तड़के हिंसा तब भड़क गई जब अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों ने रोका. इस दौरान असम के पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई.
मंगलवार को हुई हिंसा की घटना को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके राज्य की पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी को 'अकारण' करार दिया था और कहा था कि उनकी कैबिनेट ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
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