Assam-Meghalaya Border Dispute: असम के वन कर्मियों ने मंगलवार तड़के करीब तीन बजे मुकरु इलाके में एक ट्रक को रोका था, जो कथित रूप से अवैध तरीके से काटी गईं लकड़ियां लेकर जा रहा था. इसके बाद भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई. अब मुकरु गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है. असम-मेघालय बॉर्डर पर विरोध रैली के लिए काले झंडों वाली कई कारों को तैयार किया गया है. स्थानीय लोग डर के साय में जीने को मजबूर हैं.


बुधवार को असम और मेघालय की सरकारों ने इस घटना के साथ अपनी विवादास्पद सीमा पर तनाव को शांत करने के लिए पूरी कोशिश की, जिससे सीमा वार्ता जल्द ही होने की उम्मीद है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने राज्य पुलिस की गोलीबारी को "अकारण" बताया और कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. वहीं मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने मुकरु का दौरा किया और निवासियों को न्याय और पीड़ितों के परिवारों के लिए उचित मुआवजे का आश्वासन दिया. हालांकि, स्थानीय निवासियों ने कहा कि उनमें अभी भी दर्द, पीड़ा, भय और गुस्सा है.


'लोग दुखी, असुरक्षित और क्रोधित हैं'


अधिकारियों ने गांव के मारे गए लोगों की पहचान थल शादाप (45), सिक तलंग (55), चिरूप सुमेर (40), ताल नर्तियांग (40) और निखासी धर (65) के रूप में की है. संघर्ष में मारे गए छठे व्यक्ति - असम फ़ॉरेस्ट गार्ड बिद्यासिंग लेखटे के शव को मेघालय में अधिकारियों ने पड़ोसी राज्य को सौंप दिया है. इंडियन एक्सप्रेस पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के मुखिया हैमबोइड सुमेर ने कहा, "लोग दुखी, असुरक्षित और क्रोधित हैं...उन्हें चिंता है कि वे (असम पुलिस) फिर से बंदूकें लेकर आएंगे. ये रबड़ की गोलियां नहीं हैं. ये असली गोलियां हैं."


'पैसा मुर्दों को वापस नहीं ला सकता'


उनके मुताबिक, इस घटना ने 20 साल पहले के जख्मों को फिर से खोल दिया है, जब हथियारबंद विद्रोहियों ने गांव के छह लोगों को गोली मार दी थी. सुमेर ने कहा, "मेघालय और असम दोनों सरकारों ने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये की घोषणा की है. पैसा मुर्दों को वापस नहीं ला सकता. इसके बजाय, इस अकारण गोलीबारी के पीछे जो लोग थे उन्हें तुरंत न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए."


'उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए'


सुमेर ने असम सरकार की कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा, "मुकरु एक विवादित क्षेत्र नहीं है, लेकिन अंतर-राज्यीय सीमा संघर्ष से इसे बहुत नुकसान हुआ है. इस गांव में असम से मुआवजे के रूप में कोई भी ब्लड मनी स्वीकार नहीं करेगा. कुछ पुलिस और वन अधिकारियों को निलंबित, स्थानांतरित किया गया. इससे क्या भला होगा? उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए."


असम ने जारी की चेतावनी


असम में अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रण में आने तक मेघालय से होकर जाने वाले राज्य के वाहनों के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने बताया कि शिलॉन्ग के झालुपारा इलाके में असम नंबर प्लेट वाले एक वाहन में आग लगा दी गई. पश्चिम जयंतिया हिल्स के एसपी बिक्रम मारक ने कहा कि कानून और व्यवस्था में किसी भी तरह की गिरावट को रोकने के लिए "सभी आवश्यक कदम" उठाए जा रहे हैं.


'लोग नुकसान से बहुत निराश हैं'


इस बीच, मुकरु में स्थानीय पादरी ने मारे गए लोगों के लिए एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया. उन्होंने कहा, "मैं इसे पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर सकता, लेकिन लोग नुकसान से बहुत निराश महसूस कर रहे हैं. वे बहुत दुखी हैं, खासतौर पर इसलिए कि मारे गए ज्यादातर लोग अपने परिवार के मुखिया थे. परिवारों को अस्तित्व के लिए नुकसान उठाना पड़ रहा है."


'यहां एक पुलिस सीमा चौकी स्थापित की जानी चाहिए'


एक अन्य स्थानीय निवासी पायन्युलाड किंडिया ने असम में सीमा पार के अधिकारियों के साथ अक्सर होने वाली अनबन की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, "ग्रामीणों की एक बड़ी संख्या किसान है और उनके अधिकांश धान के खेत ऐसे क्षेत्र में हैं जहां असम के अधिकारी अक्सर उन्हें परेशान करने आते हैं. अभी कटाई का मौसम है और सबसे ज्यादा परेशानी इसी समय होती है. अगर दोनों राज्य अपने सीमा विवाद को हल नहीं कर सकते हैं तो ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कम से कम यहां एक पुलिस सीमा चौकी स्थापित की जानी चाहिए."


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