Assam-Meghalaya Border Dispute: मेघालय के पश्चिम जैंतिया हिल्स जिले के मुकरु गांव में हिंसा और फायरिंग के बाद तनाव और डर की स्थिति बनी हुई है. तनाव के बाद सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं, कई दुकानें बंद रहीं और सड़कें काफी हद तक खाली रहीं, क्योंकि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई. मंगलवार तड़के असम-मेघालय सीमा पर हुई गोलीबारी में असम के एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.


हिंदुस्तान टाइम्स पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गोलीबारी में घायल हुए दो लोगों में शामिल इलियास समायांग (36) ने कहा, "अचानक गोलियां चलीं और मैंने पांच लोगों को अपने सामने गिरते हुए देखा, जिसके बाद मुझे खुद गोली लगी." उन्होंने कहा कि इसके बाद उनको उन्हें कुछ भी याद नहीं है. वहीं समायांग को उनकी ठोड़ी में गोली लगी थी, जबकि चेनी नार्टियांग (48) की नाक में गोली लगी थी.


उल्लेखनीय है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को घोषणा की कि उनके मंत्रिमंडल ने दो राज्यों की सीमा पर हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का फैसला किया है. वहीं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को कहा कि वह "या तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) या सीबीआई" से जांच की मांग करेंगे.


ग्रामीणों में गुस्सा, वन कार्यालय में लगा दी आग


समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मेघालय के ग्रामीणों के एक समूह ने कथित तौर पर गोलीबारी के विरोध में असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक वन कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. फायरिंग से आक्रोशित मुकरु के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि असम पुलिस ऐसा उल्लंघन पहले भी किया है.


'दस साल पहले भी हुआ था ऐसा'


सरदार (ग्राम प्रधान) हम्बोई सुमेर ने कहा, "दस साल पहले, मुकरु में छह ग्रामीणों को असम के सशस्त्र कर्मियों ने गोली मार दी थी, लेकिन इस मामले की रिपोर्ट नहीं की गई, क्योंकि किसी ने इसके बारे में बात करने की हिम्मत नहीं की."


'अपराधियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए'


खासी छात्र संघ के महासचिव डोनाल्ड वी थबाह ने कहा, "अपराधियों का नाम लिया जाना चाहिए, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और निष्पक्ष सुनवाई के लिए मेघालय के अधिकारियों को सौंप दिया जाना चाहिए." बता दें कि विभिन्न यूनियनों ने मृतक के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और न्याय की मांग करने के लिए गांव का भी दौरा किया.


इस बीच, मेघालय में कई वाहनों और लोगों के फंसे होने की खबरों से असम में चिंता पैदा हो गई है. शिलॉन्ग में मंगलवार को अज्ञात लोगों ने असम नंबर प्लेट वाली एक गाड़ी में आग लगा दी. गुवाहाटी में एक टैक्सी ऑपरेटर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हम असम सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगे कि शिलॉन्ग और मेघालय के अन्य पर्यटन स्थलों में फंसी टैक्सी और निजी वाहन बिना किसी परेशानी के वापस लौट सकें."


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