Assam Politics: 'मियां लोगों को दुकानें मत दो, हिंदू त्योहारों में क्यों आएंगे', असम में मंत्री के बयान पर बवाल, बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ने मांगा इस्तीफा
Ashok Singhal: असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल के बयान पर विधानसभा में हंगामा हुआ. AIUDF ने उन्हें सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोपी बताते हुए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव की मांग की.

Hindu Muslim Tension: असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल के मुस्लिम समुदाय पर कथित बयान ने राज्य विधानसभा में भारी हंगामा खड़ा कर दिया. बदरुद्दीन अजमल की अगुवाई वाली एआईयूडीएफ ने सिंघल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की. पार्टी ने मंत्री पर सांप्रदायिक विभाजन और नफरत फैलाने का आरोप लगाया. असम में 'मियां' शब्द आमतौर पर बंगाली भाषी प्रवासी मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक रूप से इस्तेमाल किया जाता है, जिनकी संख्या राज्य में एक करोड़ से ज्यादा बताई जाती है. ये समुदाय 1980 के दशक में असम के विदेशी विरोधी आंदोलन के केंद्र में था.
मंत्री अशोक सिंघल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र ढेकियाजुली में एक बैठक के दौरान कथित रूप से कहा कि मियां समुदाय को हिंदू त्योहारों के दौरान दुकानें संचालित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे इस समुदाय के प्रति जीरो समर्थन रखते हैं और लोगों से अपील की कि वे उनके साथ रहें, लेकिन इस समुदाय के लोगों से दूरी बनाकर रखें. वायरल हो रहे एक वीडियो में मंत्री को ये कहते हुए सुना जा सकता है "मियां लोगों को दुकानें मत दो, इन्हें हमारे युवाओं को दो. मियां हमारे त्योहारों में क्यों आएंगे? हमारे युवा ईद पर नहीं जाते... मैं उनके साथ नहीं हूं. अगर आप उनके साथ घुलते-मिलते हैं तो मैं आपके साथ नहीं हूं."
एआईयूडीएफ ने उठाए सवाल, स्पीकर ने खारिज किया प्रस्ताव
एआईयूडीएफ के विधायक रफीकुल इस्लाम ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का प्रयास किया और मंत्री पर अपने पद की शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. इस्लाम ने सवाल उठाया कि क्या सिंघल मियां समुदाय वाले इलाकों में सरकारी योजनाओं को भी रोक देंगे. उन्होंने मंत्री से इस्तीफे की मांग की. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया ये कहते हुए कि यह प्रस्ताव के लिए जरूरी मानदंडों को पूरा नहीं करता.
रफीकुल इस्लाम ने मंत्री के बयान पर जताई चिंता
रफीकुल इस्लाम ने चेतावनी दी कि मंत्री के बयान से सरकारी योजनाओं में मियां समुदाय के साथ भेदभाव होने की संभावना बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सकते हैं और सरकार को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए. फिलहाल इस मुद्दे पर विपक्ष का विरोध जारी है और सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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