असम-मिजोरम के मुख्य सचिवों और डीजीपी की आज बैठक, शांति फार्मूला तैयार किए जाने की संभावना
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के सोमवार को अचानक खूनी संघर्ष में तब्दील हो जाने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई. एक पुलिस अधीक्षक समेत 60 अन्य घायल हो गए थे.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने असम और मिजोरम की सीमा पर हुई हिंसा के आलोक में आज दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी की बैठक बुलायी है. बैठक के आज सुबह 11 बजे होने की संभावना है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला असम-मिजोरम सीमा पर अचानक हिंसा बढ़ने के विषय पर चर्चा के लिए बुलायी गयी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
मुख्य सचिवों और डीजीपी की इस बैठक में शांति फार्मूला तैयार किए जाने की संभावना है, ताकि इन दोनों राज्यों की सीमा पर दोबारा हिंसा न हो. केंद्र सरकार असम और मिजोरम सरकारों के नियमित संपर्क में है. वह स्थिति को शांत करने का प्रयास कर रही है. सोमवार को मिजोरम पुलिस द्वारा असम के अधिकारियों पर गोलियां चलाने से असम पुलिस के पांच कर्मी मारे गए जबकि एक पुलिस अधीक्षक समेत 50 अन्य घायल हो गए थे.
अंतरराज्यीय सीमा पर हिंसा
असम की बराक घाटी के कछार, करीमगंज और हाइलाकांडी जिलों की 164 किलोमीटर लंबी सीमा मिजोरम के आइजोल, कोलासिब और मामित जिलों से सटी है. पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे के क्षेत्र में अतिक्रमण के आरोपों और छिटपुट झड़प के बीच अंतरराज्यीय सीमा पर हिंसा हुई और असम पुलिस के पांच कर्मी मारे गए. इस हिंसक घटना से महज दो दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी और लंबित सीमा विवाद के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया था.
उधर असम सरकार ने मिजोरम के साथ सीमा विवाद को ले कर हुए संघर्ष में पांच पुलिसकर्मियों और एक आम नागरिक की मौत पर मंगलवार से तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की. इस बीच असम-मिजोरम सीमा पर तनाव बना हुआ है और सीमा से लगते कछार जिले के लोगों ने पड़ोसी राज्य की आर्थिक नाकेबंदी की धमकी दी है. असम सरकार ने एक आदेश जारी करने बताया कि राजकीय शोक की अवधि में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा और सार्वजनिक मनोरंजन के कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे.
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