द कश्मीर फाइल्स पर भड़के असम के सांसद बदरुद्दीन, बोले- केन्द्र और राज्य सरकारें इस फिल्म को करे बैन, नहीं तो...
पूरे देश में फिल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर क्रेज है. सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर इसी फिल्म की चर्चा है. कई राज्यों में इसे टैक्स फ्री करने की मांग की जा रही है.
कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अन्याय पर बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को एक तरफ जहां काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ कई जगहों पर इसे बैन करने की भी मांग की जा रही है. तर्क दिया जा रहा है कि इस फिल्म से सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है. इसी क्रम में असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि
मैंने 'TheKashmirFiles' नहीं देखी है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, असम सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव होगा. आज के भारत में स्थिति एक जैसी नहीं है. कश्मीर से परे कई घटनाएं हुईं हैं, जिनमें असम में नेल्ली की घटना भी शामिल है. '
I haven't watched #TheKashmirFiles. Central govt, Assam govt should ban it as it'll cause communal tensions. Situation not same in present-day India...Many incidents happened beyond Kashmir, including Nellie incident in Assam, but no films on them: Dhubri,Assam MP Badruddin Ajmal pic.twitter.com/OwybXJw300
— ANI (@ANI) March 16, 2022
फिल्म देखने के लिए आधे दिन का अवकाश
पूरे देश में फिल्म कश्मीर फाइल्स को लेकर क्रेज है. सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर इसी फिल्म की चर्चा है. कई राज्यों में इसे टैक्स फ्री करने की मांग की जा रही है. इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ऐलान किया कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 'द कश्मीर फाइल्स' फ़िल्म देखने के लिए आधे दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा. कर्मचारियों को इसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना है और अगले दिन फ़िल्म का टिकट दिखाना होगा.
दिल्ली में टैक्स फ्री की करने की मांग
इसके अलावा राजधानी दिल्ली में भी बीजेपी ने चिट्ठी लिखकर सीएम अरविंद केजरीवाल से फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है. मुंबई में बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. हाथों में बैनर पोस्टर्स लिए महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार से फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की.
बता दें कि यह फिल्म 1990 के पलायन की कहानी है. इस फिल्म में जिस दर्द और जुल्म की कहानी कही गई है उस हकीकत को आज तक सियासत ने पर्दे के पीछे रखा गया. इसीलिए जब फिल्म के जरिए कश्मीरी पंड़ितों के पलायन का जख्म पर्दे पर आया तो सियासत तेज हो गई.
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