सीएम बनने के बाद असम में NRC को लेकर क्या कुछ बोले हेमंत बिस्वा सरमा?
असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरूआ से अपील है कि वह हिंसा छोड़ें और बातचीत की मेज़ पर आएं.
गुवाहाटी: असम के नए मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में प्रदेश को देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक बनाना है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सरमा ने कहा, “हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये कल से ही काम शुरू करेंगे.”
सरमा ने कहा कि असम में दूसरी बार बनी बीजेपी की सरकार का मुख्य ध्यान कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने, सभी वादों को पूरा करने तथा राज्य को वार्षिक बाढ़ के संकट से मुक्त करने पर है.
उन्होंने कहा, “असम में कोविड-19 की स्थिति गंभीर है. हमारे यहां दैनिक मामलों की संख्या 5000 के पार पहुंच गई है. कल मंत्रिमंडल की बैठक में हम सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे और कदम उठाएंगे.”
उन्होंने कहा कि जब तक असम में महामारी नियंत्रण में नहीं आएगी, पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी मामले कम नहीं होंगे.मसरमा ने राज्य में शांति के लिये विद्रोही गुटों, खासकर उल्फा (आई) से हथियार डालकर मुख्य धारा का हिस्सा बनने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं परेश बरुआ से अनुरोध करता हूं कि बातचीत की मेज पर आएं और मुद्दों को सुलझाएं. अपहरण और हत्याओं से समस्याएं जटिल बनती हैं, सुलझती नहीं हैं. मुझे उम्मीद है कि हम अगले पांच वर्षों में भूमिगत विद्रोहियों को मुख्यधारा में लौटने के लिये तैयार कर लेंगे.”
एनआरसी पर सीएम का बयान
विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार असम के सीमावर्ती जिलों में 20 प्रतिशत नामों और अन्य इलाकों में 10 प्रतिशत नामों का पुन: सत्यापन (री वेरीफिकेशन) चाहती है.
उन्होंने कहा, “अगर बेहद नगण्य गलतियां पाई गईं तब हम मौजूदा एनआरसी के साथ आगे की कार्यवाही कर सकते हैं. लेकिन, अगर व्यापक विसंगतियां हैं तो मुझे लगता है कि अदालत संज्ञान लेगी और नए दृष्टिकोण के साथ आगे का काम करेगी.”
‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाने के बीजेपी के आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा, “हर वादा पूरा करने के लिये किया गया है. उन्हें पूरा करने के लिये, जो भी संभव होगा हम करेंगे.”
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