डिब्रुगढ़: नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में पुर्वोत्तर राज्यों में जबरदस्त विरोध हो रहा है. लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. विरोध का असर ये है कि प्रदर्शनकारी सड़कों से गुजर रही जनता को भी नहीं बख्स रहे हैं. आज एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब प्रदर्शनकारियों ने दो दूल्हों को कार से उतारकर जबरदस्ती पैदल चलवाया. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने बिल के विरोध में दूल्हों से नारे भी लगवाए.


दूल्हों को पूरी बारात के साथ चलना पड़ा पैदल 


ये मामला मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल के गृह शहर डिब्रुगढ़ का है. दूल्हे पूरी बारात के साथ प्रदर्शन वाले इलाके से गुजर रहे थे. इस बीच प्रदर्शनकारियों ने दूल्हों की कार रुकवाकर उन्हें भी बिल के विरोध में प्रदर्शन करने पर मजबूर कर दिया. रंगिया से तिनसुकिया शादी के लिए जा रहे दूल्हों को पूरी बारात के साथ पैदल चलना पड़ा.


मूक दर्शक बनी रही पुलिस


हालांकि जब दूल्हों ने बिल के विरोध में नारे लगाए तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें जाने दिया. बड़ी बात यह है कि जिस वक्त दूल्हों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा था, उस वक्त वहां पुलिस भी मौजूद थी. लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और मूक दर्शक बनी रही.


क्यों हो रहा है प्रदर्शन?


बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा से पास होने के बाद आज राज्यसभा में पेश होने वाला है. बिल को लेकर पिछले कई दिनों से हो रहा विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है. पूर्वोत्तर राज्य असम में  इसपर खूब बवाल हो रहा है.  जिससे सामान्य जनजीवन ठप हो गया है. दरअसल पूर्वोत्तर राज्यों के स्वदेशी लोगों के एक बड़े वर्ग को ये लगता है कि इस नागरिकता बिल के जरिए जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी उनसे उनकी पहचान, भाषा और संस्कृति ख़तरे में पड़ जाएगी.


यह भी पढें-
नागरिकता संशोधन बिल पर दिल्ली से असम तक बवाल, कांग्रेस ने देशभर में किया प्रदर्शन का एलान
नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में होगा पेश, जानें- सदन में सरकार की स्थिति
CAB पर बवाल: जावेद अख्तर-नसीरुद्दीन समेत 727 नामचीन हस्तियों ने चिट्ठी लिखकर जताया बिल का विरोध