असमः कल जारी होगा NRC का अंतिम ड्राफ्ट, 1.4 करोड़ लोगों को देश निकाले का डर
एनआरसी की जो पहली लिस्ट जारी की गई थी उसमें 2 करोड़ 24 लाख लोगों का नाम जारी किया गया था लेकिन 1 करोड़ 39 लाख लोगों का नाम इसमें शामिल नहीं था.
नई दिल्लीः असम में एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट प्रकाशित होने में बस कुछ ही घंटे बाक़ी रह गये हैं. ऐसे में 31 दिसंबर को पहले ड्राफ़्ट में जिनका नाम नहीं था ऐसे 1 करोड़ 40 लाख लोग देश से निकाले जाने की चिंता से खासे चिंतित हैं. हर किसी को उम्मीद है कि सोमवार को सुबह 12 बजे जारी होने वाले दूसरे ड्राफ़्ट में उनका नाम ज़रूर रहेगा. हालांकि लोग क़ानूनी सलाह भी ले रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग वकीलों के संपर्क में है कि अगर दूसरे ड्राफ़्ट में भी नाम नहीं निकलता है तो क़ानूनी तौर पर क्या किया जा सकता है. एनआरसी के दूसरे ड्राफ़्ट की कॉपी सोमवार को दोपहर 12 बजे की बजाय अब सुबह 9:45 (पौने दस) बजे प्रकाशित होगी.
क्या है एनआरसी सरकार ने असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निकालने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) अभियान चलाया है. विश्व के सबसे बड़े अभियानों में गिने जाने वाले इस कार्यक्रम के तहत पहले अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहले पहचान की जाएगी फिर उन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा. विभिन्न रिपोर्ट के तहत ये बताया जाता रहा है कि असम में करीब 50 लाख बांग्लादेशी गैरकानूनी तरीके से रह रहे हैं. इनके कारण असम में कई सामजिक-आर्थिक समस्याएं बनी हुई हैं जिन्हें दूर करने के लिए ये एनआरसी का अभियान चलाया जा रहा है.
एनआरसी की जो पहली लिस्ट जारी की गई थी उसमें 2 करोड़ 24 लाख लोगों का नाम जारी किया गया था लेकिन 1 करोड़ 39 लाख लोगों का नाम इसमें शामिल नहीं था. उसी समय सरकार की तरफ से एलान किया गया था कि इस साल के आखिर तक दूसरी और अंतिम लिस्ट जारी कर दी जाएगी.
पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई/लगाई गई धारा 144 एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हाजेला ने आज यहां बताया कि ड्राफ्ट को ऑनलाइन और समूचे राज्य के सभी एनआरसी सेवा केन्द्रों (एनएसके) में सुबह पब्लिश कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों के नाम, पते और फोटोग्राफ होंगे जो 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बहरहाल कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिये समूचे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को कड़ी सतर्कता बरतने के लिये कहा गया है. सात जिलों- बारपेटा, दरांग, दीमा, हसाओ, सोनितपुर, करीमगंज, गोलाघाट और धुबरी में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है.
अधिकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने संबंधित जिलों में संवेदनशील इलाकों की पहचान की है और किसी भी अप्रिय घटना खासकर अफवाह से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिये स्थिति पर बेहद सावधानी से निगरानी बरती जा रही है. असम और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त रखने के लिये केन्द्र ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 220 कंपनियों को भेजा है.
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की उच्च स्तरीय बैठक असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एनआरसी ड्राफ्ट जारी होने के मद्देनजर हाल में उच्च स्तरीय बैठक की और अधिकारियों को सतर्क रहने और ड्राफ्ट में जिन लोगों के नाम नहीं होंगे, उनके दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया की व्याख्या और मदद के लिये कहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एनआरसी ड्राफ्ट सूची पर आधारित किसी मामले को विदेश न्यायाधिकरण को नहीं भेजें. ड्राफ्ट में जिनके नाम नहीं होंगे उनके दावों की भी पर्याप्त गुंजाइश होगी हाजेला ने कहा कि ड्राफ्ट में जिनके नाम नहीं होंगे उनके दावों की पर्याप्त गुंजाइश होगी. उन्होंने कहा, ‘अगर वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो वे घबरायें नहीं. बल्कि उन्हें (महिला/पुरूष) संबंधित सेवा केन्द्रों में तयशुदा फॉर्म भरने होंगे. ये फॉर्म सात अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे और अधिकारियों को उन्हें इसका कारण बताना होगा कि ड्राफ्ट में उनके नाम क्यों छूटे.’ इसके बाद अगले कदम के तहत उन्हें अपने दावे को दर्ज कराने के लिये दूसरे तयशुदा फॉर्म भरना होगा, जो 30 अगस्त से 28 सितंबर तक उपलब्ध रहेगा. आवेदक अपने नामों को निर्दिष्ट एनआरसी सेवा केन्द्र जाकर 30 जुलाई से 28 सितंबर तक सभी कामकाजी दिनों में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक देख सकते हैं. एनआरसी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपडेट किया जा रहा है.National Register of Citizenship: ये क्या है और क्यों असम में बवाल मचा है