नई दिल्ली: असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एनआरसी की अंतिम सूची से बाहर रह गए लोगों के नाम 31 अगस्त को केवल ऑनलाइन प्रकाशित किए जाएं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि आंकड़े आधार की तरह ही सुरक्षित रखे जाएं.


आकंडों की सुरक्षा के लिए आधार जैसी व्यवस्था होनी चाहिए- सुप्रीम कोर्ट 


सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की पीठ ने कहा कि असम एनआरसी के आकंडों की सुरक्षा के लिए आधार जैसी उचित व्यवस्था होनी चाहिए. कोर्ट ने यह भी कहा कि एनआरसी बनाने की चल रही प्रक्रिया को कानूनी रूप से दी जा रही चुनौतियों के आधार पर दोबारा शुरू करने का आदेश नहीं दिया जा सकता.


असम में बाढ़ से हुई एनआरसी के कामकाज में देरी


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंतिम असम एनआसी 31 अगस्त तक प्रकाशित किया जाएगा. बता दें कि पिछले महीने 23 जिलों में आई बाढ़ से पूरे असम में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था. लिहाजा, एनआरसी के कामकाज में देरी हो रही है. कोर्ट के मुताबिक असम में कितने भारतीय हैं और कितने विदेशी, इस पर फाइनल ड्राफ्ट 31 अगस्त तक पेश करना है.


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