Assam: अतिक्रमण से जमीन खाली कराए जाने को लेकर चर्चा न होने पर विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट
Assam Assembly: नगांव जिले में अतिक्रमण से भूमि खाली कराए जाने पर विपक्ष ने कहा कि सालों से इस जमीन पर रह रहे लोगों को मदद मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को उन्हें विकल्प देना चाहिए.
Assam News: असम विधानसभा में मंगलवार को अफरातफरी का माहौल देखा गया. राज्य के नगांव जिले में अतिक्रमण से भूमि खाली कराए जाने को लेकर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद विपक्षी नेता सदन से बाहर चले गए. गौरतलब है कि असम सरकार नगांव जिले में अतिक्रमण से 1,200 बीघा (करीब 397 एकड़) भूमि को खाली कराने का व्यापक अभियान चलाने जा रही है. बता दें कि विधानसभा के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का आज पहला सत्र था.
कांग्रेस सदस्य एवं नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने इस विषय पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई का समर्थन मिला, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद विपक्षी नेता सदन से बाहर चले गए.
अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया
गौरतलब है कि सोमवार सुबह प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए इस जमीन पर बुलडोजर की मदद से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया. पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने कहा कि 700 से अधिक पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया. सबकुछ शांतिपूर्वक हुआ. विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि वे उन जमीनों पर 30 साल से अधिक समय से रह रहे लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार कर रही है.
बेदखल क्यों कर रही सरकार: देवव्रत सैकिया
सैकिया ने आगे कहा कि वे भारतीय नागरिक हैं. सरकार उन्हें उनकी जमीन से बेदखल क्यों कर रही है? सरकार को भूमिहीनों को जमीन उपलब्ध करानी चाहिए. सालों से इस जमीन पर रह रहे लोगों को मदद मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को उन्हें विकल्प देना चाहिए, नहीं तो वे बेघर लोग सामाजिक समस्या बन जाएंगे. बेदखल किए जाने के बाद लोगों को सड़कों पर छोड़ दिया जाए, यह बिल्कुल सही नहीं है.
वैकल्पिक आवास देना चाहिए
इसके साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार लेकिन बार-बार असम में निष्कासन अभियान चला रही है. सरकार को एक सभ्य प्रणाली के निर्धारित मानदंडों का पालन करना चाहिए और लोगों को वैकल्पिक आवास देना चाहिए.
असम के मंत्री ने क्या कहा
असम के मंत्री अशोक सिंघल ने असम सरकार द्वारा बटाद्रवा के निष्कासन अभियान को सही ठहराया. इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली को अवैध अतिक्रमणकारियों ने सालों तक जमीन पर कब्जा किया और अब हम जमीन को मुक्त करा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह हमारा कर्तव्य और धर्म है कि हम भूमि को आक्रमणकारियों से मुक्त कराये.