Assam Police Farmer Encounter: असम के उदलगुरी जिले में पुलिस ने गलत पहचान के आधार पर एक शख्स को डकैत (Dacoit) समझकर एनकाउंटर में मार दिया. अपराध जांच विभाग (CID) की छानबीन में रविवार (12 मार्च) को ये पुष्टि हुई है. जांच में पता चला है कि एनकाउंटर में मारा गया शख्स डकैत केनाराम बोरो (Kenaram Boro) उर्फ केनाराम बासुमतारी नहीं था, बल्कि उसका नाम दिंबेश्वर मुचाहारी था.


उसके परिवार का दावा है कि वह छोटा किसान था, लेकिन पुलिस ने दावा किया है कि वह घोर अपराधी था. पुलिस ने दावा किया था कि 24 फरवरी को रौता इलाके के धनसिरिखुटी गांव में हुए इस एनकाउंटर में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. बोरो की मां ने शव की पहचान अपने बेटे के रूप में की थी जिसके बाद शव उन्हें सौंप दिया गया था. हालांकि, शव के अंतिम संस्कार के बाद मुचाहारी के परिवार ने दावा किया कि वह उनका बेटा है. 


मुख्यमंत्री ने दिए थे जांच के आदेश


इसके बाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पुलिस महानिदेशक को सीआईडी ​​जांच का आदेश देने का निर्देश दिया, जो दो मार्च से शुरू हुई थी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद शव को कब्र से निकाला गया और डीएनए विश्लेषण किया गया जिसमें सामने आया कि शव मुचाहारी का है न कि बोरो का. 


शव को मुचाहारी के परिवार को दिया


उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपी जाएगी और शव को मुचाहारी के परिवार को दे दिया गया है. वहीं मुचाहारी के परिवार ने कहा कि वे इंसाफ चाहते हैं क्योंकि पुलिस ने उनके बेटे को डकैत होने के शक में मार डाला है. मृतक के परिवार ने साथ ही मुआवजा भी मांगा है.


पुलिस ने और क्या कहा?


पुलिस अधिकारी ने कहा कि एनडीएफबी का पूर्व आतंकवादी बोरो असम और मेघालय में डकैतियों के कई मामलों में वांछित था. उसे पहले कई बार हथियारों के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है. मुचाहारी उर्फ गोबला भी घोर अपराधी था और उसे भी पहले हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था. दोनों को एक मामले में फरार दिखाया गया था.


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