क्या असम में शुरू हो गई हैं CAA लागू करने की तैयारियां? सभी पुलिसवालों की छुट्टी हुईं कैंसिल
CAA Issue: सीएए को 2019 में संसद से पारित किया गया था लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है. सूत्रों के मुताबिक, असम में इसे लागू किए जाने की तैयारी हो रही है और पुलिस भी इसके लिए तैयार हो रही है.
असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू किए जाने की तैयारी हो रही है. इसके खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए 10 मार्च से शुरू होने वाली पुलिस की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. यह जानकारी सूत्रों ने दी है.
इंडिया टुडे एनई की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीपी असम ने पिछले एक हफ्ते के दौरान डिब्रूगढ़, जोरहाट और गोलाघाट के प्रभारी अधिकारी समेत 2019 में सीएए आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों के सभी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है. गुवाहाटी में भी प्रभारी अधिकारी समेत सभी अधिकारियों की बैठक हुई थी.
सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी जीपी सिंह ने अधिकारियों को हर पुलिस थाने पर आंसू गैस, लाठी और अन्य भीड़ नियंत्रण उपकरणों की तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
असम के DGP क्या बोले?
इंडिया टुडे एनई के मुताबिक, उसके साथ बात करते हुए डीजीपी जीपी सिंह ने सीएए पर कुछ भी टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि असम पुलिस सभी संभावित स्थितियों के लिए तैयारी कर रही है क्योंकि जल्द ही चुनावों की घोषणा हो सकती है.
डीजीपी ने कहा, ''हम सभी संभावित स्थितियों के लिए तैयारी कर रहे हैं क्योंकि चुनावों की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है. हमारी तैयारी चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान राज्य में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की है, ताकि मतदाताओं को स्वतंत्र रूप से मतदान करने का मौका मिले और चुनाव निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सकें.''
उन्होंने कहा कि असम पुलिस हर कीमत पर राज्य में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को सीएए विरोधी आंदोलन का समर्थन करने वाली किसी भी गतिविधि पर सख्ती कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
क्या है सीएए?
बता दें कि दिसंबर 2019 में संसद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पारित किया था. बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी. इसके बाद देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. सीएए को अभी लागू नहीं किया जा सका है.
सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोग) को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे. सीएए में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं हैं.
यह भी पढ़ें- 'कम्युनिस्ट कांग्रेस के युवराज को केरल से बाहर रहने की नसीहत दे रहे हैं', पीएम मोदी का राहुल गांधी पर तंज