करीब 500 करोड़ का Drugs बरामद, क्या है चीन और म्यांमार का कनेक्शन?
Drugs Trafficking: असम राइफल्स ने बताया कि म्यांमार सीमा से सटे मोरेह शहर के एक घर से करीब 54 किलो ब्राउन शुगर और करीब 154 किलो प्रतिबिंधित मेथामफेटाइन (आईएस मेथ) बरामद किया गया है
Manipur: मणिपुर से सटी म्यांमार सीमा के करीब से असम राइफल्स (Assam Rifles) ने करीब 500 करोड़ की नारकोटिक्स ड्रग (Narcotics Drugs) बरामद करने का दावा किया है. खास बात ये है कि जिस घर से ड्रग्स की ये खेप बरामद की गई है उस महिला का पति चीन का नागरिक है. इस मामले में असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस की मदद से म्यांमार के एक नागरिक को भी गिरफ्तार किया है. ये ड्रग नारको-टेरेरिज्म (Narco Terrorism) का हिस्सा भी हो सकता है.
असम राइफल्स के मुताबिक, म्यांमार सीमा से सटे मोरे़ह शहर के एक घर से करीब 54 किलो ब्राउन शुगर और करीब 154 किलो प्रतिबिंधित मेथामफेटाइन (आईएस मेथ) बरामद किया गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार (International Market) में इस खेप की कुल कीमत 500 करोड़ से भी ज्यादा आंकी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, जिस घर से ये खेप बरामद की गई है, वो एक म्यांमार की रहने वाली महिला का घर है. ये महिला फिलहाल म्यांमार के मैडेले शहर में रहती है.
महिला ने एक चीनी नागरिक (Chinies Citizen) से विवाह किया है. आपको बता दें कि भारत और म्यांमार के बीच एफएमआर यानि फ्री-मूवमेंट रेजिम संधि है जिसके तहत दोनों देशों के बॉर्डर पर रहने वाले लोग एक दूसरे की सीमा में 8-8 किलोमीटर तक आ जा सकते हैं और एक हफ्ते के लिए रह भी सकते हैं.
असम राइफल्स के एक प्रवक्ता के मुताबिक, उत्तर पूर्व के राज्यों के उग्रवादी संगठनों के लिए नारको-टेरेरिज्म फंडिंग का एक बड़ा जरिया है. यही वजह है कि उत्तर-पूर्व के युवाओं में ड्रग्स की लत तेजी से फैल रही है. अपने बयान में असम राइफल्स ने साफ तौर से कहा कि सीमा की रखवाली की जिम्मेदारी के दौरान म्यांमार से होने वाले किसी भी क्रॉस-बॉर्डर नारको टेरेरिज्म और उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए असम राइफल्स पूरी तरह तैयार है.
अपने बयान में असम राइफल्स ने ये भी कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ड्रग्स के गोल्डन-ट्राइंगल से इस नारको-टेरेरिज्म के तारे जुड़े हो सकते हैं. मणिपुर पुलिस ने आरोपी को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके.
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