भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सचिव सत्य रंजन बोरा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. मंगलवार को उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक शब्द पोस्ट करने पर फेसबुक का सहारा लिया.
असम के होजई निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक शिलादित्य देबसत्य रंजन बोरा के बचाव में आगे आए हैं. उन्होंने कहा है कि पोस्ट हजरत नाम के एक स्थानीय युवक के संदर्भ में था न कि पैगंबर के लिए.
पोस्ट के संबंध में गोलाघाट के ऑल असम माइनॉरिटीज स्टूडेंट यूनियन (AAMSU) द्वारा बोरा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. एएमएसयू द्वारा दायर एक शिकायत के अनुसार, सत्य रंजन बोरा के बाद की यह पोस्ट उनके अपमानजनक विचारों और शब्दों से क्षेत्रीय शांति और एकता को बाधित करने का एक प्रयास है. संघ ने आगे अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर बोरा को गिरफ्तार करने का आग्रह किया है.
भले ही गंभीर प्रतिक्रिया के कारण, बोरा द्वारा वास्तविक पोस्ट को हटा दिया गया है, यह अभी भी फेसबुक और ट्विटर पर कई उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट में पाया जा सकता है. पोस्ट में बोरा ने कहा था कि हिंदुओं में देवी कामाख्या और श्रीमंत शंकरदेव हैं लेकिन मुसलमानों के पास केवल मोहम्मद हैं.
उन्होंने कहा, ''एक तरफ हमारे पास है माँ कामाख्या, जो महाकाली हैं और दूसरी तरफ हमारे पास महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव हैं लेकिन आपके पास कौन है? हज़रत नाम का डकैत? और 72 युवतियां, मतलब वेश्याएं, जिनके पीछे पूरा मुस्लिम समुदाय पागल है."
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