Assam News: असम की राजधानी गुवाहाटी के पास गुरुवार (12 सितंबर) को पुलिस फायरिंग में बंगाली मुस्लिम समुदाय के दो लोगों की मौत हो गई. ये घटना तब हुई जब अवैध प्रवासियों की भीड़ ने सरकारी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया. इस दौरान पुलिस ने जब भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई. जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई. जबकि, इस झड़प में 11 अन्य प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए.
डेक्कन हेराल़्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना तब हुई जब सोनापुर अंचल कार्यालय और पुलिस की एक टीम जिले के कोचुटोली गांव में बंगाली भाषी मुस्लिम ग्रामीणों से भूमि खाली कराने गई थी. ग्रामीणों को पहले भी यहां से हटाया गया था, लेकिन वे यहां फिर आ गए. जो केवल आदिवासियों के लिए संरक्षित है.
अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं सहित 22 पुलिसकर्मियों को किया घायल-DGP
इस मामले पर असम के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि कथित अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं सहित 22 पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया है. पुलिस ने बताया कि मृतक पीड़ितों की पहचान (19) जुबाहिर अली और (22) हैदर अली के रूप में हुई है.
248 बीघा सरकारी भूमि को कराया गया खाली
डीजीपी ने आगे बताया कि, सोमवार (9 सितंबर) से शुरू हुए बेदखली अभियान के दौरान 248 बीघा सरकारी भूमि को खाली कराया गया. जिसमें से 237 अवैध रूप से बनें ढ़ांचों को अधिकारियों ने हटा दिया. बेदखली इसलिए की गई क्योंकि भूमि आदिवासियों के लिए आरक्षित है. जिसमें गैर-आदिवासियों को उस भूमि पर कब्जा करने या उसे खरीदने की अनुमति नहीं है.
जानें क्या है मामला?
सूत्रों ने बताया कि (9 सितंबर) से भूमि से बेदखल किए गए कई लोग वापस आए हैं और अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया, "गुरुवार (12 सितंबर) को जब अधिकारी वहां गए और उनसे जमीन खाली करने को कहा गया तो भीड़ उनका पीछा करते हुए आई और उन्होंने अधिकारियों पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया. इस दौरान पुलिस ने शुरू में हवा में गोलियां चलाईं लेकिन जब भीड़ नहीं मानी, तो पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं. उनमें से दो लोगों की सोनापुर अस्पताल में गोली लगने से मौत हो गई. अधिकारी ने कहा,' भीड़ के हमले में सोनापुर राजस्व मंडल अधिकारी नितुल खाटोनियार भी घायल हो गए.
सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने वालों पर हो सख्त एक्शन- DGP
डीजीपी जीपी सिंह ने बताया कि गुवाहाटी पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें. अधिकारी ने बताया कि सरकारी और वन भूमि को अतिक्रमणकारियों से खाली कराने के असम सरकार के निर्देश के तहत यह बेदखली की गई.
बंगाली मुसलमानों को बनाया जा रहा निशाना
इस बीच मुस्लिम विरोधी अभियान में बेदखल किए गए लोगों का कहना है कि यह बंगाली मुसलमानों को निशाना बनाकर किया गया अभियान था. क्योंकि, बीजेपी सरकार ने अतीत में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े कई लोगों को इसी तरह बेदखल किया था, जबकि असमिया लोगों को सरकारी जमीन से बेदखल नहीं किया गया था.