असम हिंसा: राहुल गांधी का सरकार पर तंज, कहा- अगर सबके लिए नहीं है तो कैसी आज़ादी?
गुरुवार को अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प में दो की मौत हुई थी. घटना के बाद से इलाके में अभी भी माहौल तनावपूर्ण है.
नई दिल्ली: असम के दरांग में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस आज बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर सकती है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम में हिंसा के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि अगर सबके लिए नहीं है तो कैसी आज़ादी?
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''जब देश में नफ़रत का ज़हर फैलाया जा रहा है तो कैसा अमृत महोत्सव? अगर सबके लिए नहीं है तो कैसी आज़ादी?" बता दें कि गुरुवार को अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प में दो की मौत हुई थी. घटना के बाद से इलाके में अभी भी माहौल तनावपूर्ण है.
इससे पहले असम में हिंसा को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस ने पूछा था कि बड़ा भाई CM और छोटा भाई SP तो क्या जिसे चाहेंगे उसे गोली मारेंगे ? कांग्रेस दरांग के DC और SP को निलंबित कर हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग पर अड़ी है. बता दें कि दरांग के एसपी सुशांता बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के भाई हैं.
कांग्रेस ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात की और एक उपयुक्त पुनर्वास पैकेज की घोषणा किये जाने तक दरांग के सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का अभियान रोकने का उनसे अनुरोध किया. कांग्रेस ने कहा कि एक अकेले प्रदर्शनकारी को वहां मौजूद 40 से अधिक पुलिस कर्मी आसानी से काबू कर सकते थे, लेकिन बेघर हो रहे एक प्रदर्शनकारी को गोली मारना बहुत ही अमानवीय है. पार्टी ने कहा कि पुलिस को उसे करीब से गोली मार कर उसकी हत्या करने के बजाय उसे शांत करने की कोशिश करनी चाहिए थी.
मुख्यमंत्री ने किया पुलिस का बचाव
कांग्रेस के विरोध के बीच असम के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा ने पुलिस का बचाव किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 हजार लोगों ने पुलिस को घेर लिया था. उसके बाद ही पुलिस ने अपने बचाव में जवाबी कार्रवाई की. राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को हुई घटना की गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने का आदेश दिया है, हालांकि न्यायाधीश के नाम की घोषणा की जानी अभी बाकी है.
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