दिसपुर: पूर्वोत्तर के राज्य असम में आज भारत की नागरिकता से जुड़ी NRC की दूसरी लिस्ट आनी है जिसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. एक बड़ा सवाल ये है कि जिनका नाम इस दूसरी लिस्ट में भी नहीं आया उनका क्या होगा. इसे लेकर असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कई बातें साफ की हैं और इसी सिलसिले में उन्होंने कहा कि ये कोई फाइनल लिस्ट नहीं बल्कि एक संपूर्ण एनआरसी ड्राफ्ट है. फाइनल लिस्ट आना अभी भी बाकी है.


लिस्ट में नाम ना आने पर चिंतित मत हों
ऑल पार्टी मीटिंग के बाद तय हुई इन बातों को साझा करते हुए सोनवाल ने कहा, "जिनका नाम इस ड्राफ्ट में भी नहीं है उन्हें चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. उनके पास NRC की दी गई गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए खुद को लिस्ट में रजिस्टर करवाने का विकल्प होगा. ऐसा करने में राज्य सरकार, राजनीतिक पार्टियां और एनजीओ लोगों की मदद करेंगे."


सीएम ने आगे कहा कि जिनका नाम लिस्ट में छूट जाएगा उन्हें विदेशी नहीं माना जाएगा. उन्हें ना तो डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा और ना ही उन्हें भारतीय नागरिकों के किसी आधिकार से वंचित किया जाएगा.


एक करोड़ चालीस लाख लोगों की नींद गायब
इस लिस्ट की वजह से एक करोड़ चालीस लाख लोगों की नींद उड़ी हुई है. आज नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) की दूसरी लिस्ट आ रही है. लाखों लोगों को डर है कि जहां वो बरसों से रह रहे हैं, वहां वो विदेशी ना बना जाएं. दूसरे ड्रॉफ्ट को जारी करने की तैयारी हो चुकी है. इस बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. सुरक्षाबलों की 220 कंपनियां तैनात की गई हैं. एनआरसी के दूसरे ड्राफ़्ट की कॉपी सुबह 9.45 बजे प्रकाशित होगी. एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों या परिवारों को शामिल किया जायेगा जो उनके 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं.


कैसे देख सकते हैं लिस्ट में अपना नाम?
जिसे भी अपना एनआरसी में चेक करना है वो 30 जुलाई से 28 सितंबर तक एनआरसी सेवा केन्द्र जाकर सुबह दस बजे से चार बजे तक देख सकते हैं. इसके साथ ही 24x7 की टोलफ्री नंबर (असम से 15107, असम के बाहर से 18003453762) पर फोन कर भी अपना नाम चेक कर सकते हैं. इसके साथ ही एनआरसी की वेबसाइट पर भी लिस्ट चेक की जा सकती है.


क्या है एनआरसी का पूरा मामला?
असम में राज्य के नागरिकों की पहचान के लिए 2015 में ये कवायद शुरू हुई. एनआरसी मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना है. असम में बांग्लादेश से लाखों लोगों के अवैध घुसपैठ का दावा किया जाता है. एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन की पहली लिस्ट 31 दिसंबर 2017 को जारी हुई थी. पहली लिस्ट में असम की 3.29 करोड़ आबादी में से 1.90 करोड लोगों को शामिल किया गया था. अब 1.40 करोड़ लोगों को दूसरी लिस्ट में अपने नाम के एलान की उम्मीद है.


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