Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार (10 दिसंबर) को असम के लोगों से अपील की कि वे स्वदेशी संस्कृति और पहचान की रक्षा करें और किसी भी संदिग्ध विदेशी को अपनी जमीन न बेचें. इस दौरान उन्होंने युवाओं से आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने की अपील भी की.
गुवाहाटी के बोरागांव में असम आंदोलन के शहीदों की याद में मनाए गए 'स्वाहिद दिवस' कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम सरमा ने कहा, "मेरा मानना है कि अगर हर असमवासी किसी भी संदिग्ध विदेशी को अपनी जमीन नहीं बेचने का संकल्प लेते हैं तो इससे हमारी 'जाति' (समुदाय) की रक्षा होगी."
'जमीन ने बेचने की प्रतिज्ञा लें'
मुख्यमंत्री ने कहा, "कुछ लोग आर्थिक लाभ के लिए अपनी जमीन बेच देते हैं, जबकि उनको पैसे की कोई जरूरत नहीं होती है. फिर भी वे अपनी जमीनें संदिग्ध विदेशियों को बेच देते हैं. आइए हम अपनी जमीन किसी भी संदिग्ध विदेशी को नहीं बेचने की प्रतिज्ञा लें.''
'जमीन की बिक्री पर रोक कानून बनाएगी सरकार'
उन्होंने कहा कि सरकार माजुली, बारपेटा और बटाद्रवा जैसी जगहों पर बाहरी लोगों को जमीन की बिक्री पर रोक लगाने वाला कानून लाएगी. इस दौरान सरमा ने अवैध आप्रवासियों के खिलाफ छह साल तक चले असम आंदोलन को भी याद किया.
सरमा ने कहा, "आंदोलन सिर्फ भावनाओं पर आधारित नहीं था, बल्कि इसमें तर्क भी था. आंदोलन के कई नेताओं ने असम को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा था और उस समय के युवाओं ने भी छोटी-मोटी नौकरियां करके इसका जवाब दिया था."
'युवाओं में काम करने की इच्छा में कमी'
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अब ऐसा नहीं है. अब असमिया युवाओं में काम करने की इच्छा की कमी और जिसका फायदा उठाकर संदिग्ध विदेशियों ने महत्वपूर्ण स्थानों में व्यापार पर कब्जा कर लिया है." इस बीच सरमा ने सरकारी अधिकारियों को भी चेतावनी दी और कहा कि अगर सरकारी अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं करते हैं तो समाज कमजोर हो जाता है.
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