गोली खाकर
एक के मुंह से निकला -
'राम'


दूसरे के मुंह से निकला-
'माओ'


लेकिन तीसरे के मुंह से निकला-
'आलू'


पोस्टमार्टम की रिपोर्ट है
कि पहले दो के पेट
भरे हुए थे.


चुनावी संग्राम शुरू होते ही सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की 'पोस्टमार्टम की रिपोर्ट' की झलक आपको दिखने लगती है. वादों का सुरीला और सुमधुर संगीत सुनाई देने लगती है. सत्ता पक्ष 'आपदा प्रबंधन' में जुट जाता है तो विपक्ष खुलासों और आरोप का दौर चलाता है. कुल मिलाकर कहें तो ख्वाब और खतरा का कॉकटेल ही चुनावी दौर का कॉकटेल है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल और उनके नेता चुनावी रण में उतर चुके हैं. सत्ताधारी पार्टी जहां अपने पांच साल के कार्यों का हिसाब दे रही है. वहीं विपक्षी दल सरकार की खामियों को जनता के बीच ले जा रहे हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को और 24 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी.


चलिए आपको महाराष्ट्र चुनाव में मुद्दे बताते हैं?


1. महाराष्ट्र में सबसे बड़ी समस्या पानी की है.
2. रोजगार
3. राज्य में खेती, किसानों की दुर्दशा भी मुद्दा है
4. राज्य में खराब सड़कें एक बड़ी की समस्या हैं.
5. बढ़ती महंगाई
6. बिजली की समस्या


समस्याओं के लिए कौन जिम्मेदार?
एबीपी न्यूज सी वोटर सर्वे में 22.9 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मौजूदा समस्याओं के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. वहीं 10.4 प्रतिशत लोगों ने राज्य में मौजूदा समस्या के लिए सीधे मुख्यमंत्री को जिम्मेदार माना. वहीं 6.7 प्रतिशत लोगों ने इसके लिए मौजूदा विधायकों को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही 32.2 प्रतिशत लोगों ने किसी को भी जिम्मेदार मानने से इंकार कर दिया. सर्वे के दौरान 9.2 प्रतिशत लोगों ने राज्य में मौजूदा समस्याओं के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. 5.5 प्रतिशत लोगों ने सीधे प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा किया है . वहीं, 2.7 प्रतिशत लोगों ने मौजूदा सासंदों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. 7.8 प्रतिशत लोगों ने माना कि राज्य में समस्याओं के लिए निगम व पंचायत जिम्मेदार हैं.


किससे है जनता को उम्मीद?


लोगों से जब इस बारे में सवाल पूछा गया कि राज्य में मौजूदा समस्याओं को कौन सी पार्टी सबसे अच्छे तरीके से सुलझा सकती है? लोगों ने इस सवाल पर भी खुलकर अपनी राय रखी. एबीपी न्यूज सी वोटर सर्वे में 33.3 प्रतिशत लोगों ने माना कि बीजेपी राज्य में मौजूद समस्याओं को खत्म कर सकती है, वहीं 15.3 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस पार्टी को इसके लिए प्रबल दावेदार बताया. 8.8 प्रतिशत लोगों ने माना कि राज्य में मौजूदा समस्याओं का समाधान एनसीपी कर सकती है. वहीं, शिवसेना के लिए 5.9 प्रतिशत लोगों ने अपनी सहमति जताई. 1.8 प्रतिशत लोगों ने मनसे की ओर रुख किया.


(महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तारीख का एलान हो गया है. ABP न्यूज के लिए C VOTER ने राज्य में वोटरों का मूड जाना. इस सर्वे में महाराष्ट्र के 4855 लोगों की राय ली गई है. सर्वे 1 सितंबर से 10 सितंबर के बीच किया गया है.)