Assembly Election 2023 Latest News: आपने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को यूपी के अमेठी और केरल के वायनाड से नामांकन करते देखा होगा. हालांकि अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वायनाड में वह जीते और संसद में पहुंचे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2013 के लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसा ही किया था. तब उन्होंने गुजरात के वडोदरा लोकसभा सीट के अलावा यूपी की वाराणसी सीट से भी चुनाव लड़ा था.


इस तरह इन दो बड़े नामों को दो अलग-अलग राज्यों की संसदीय सीट पर चुनाव लड़ते देख लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठे थे. क्योंकि अभी विधानसभा चुनाव की गहमागहमी है और पांच राज्यों में लोग नामांकन प्रक्रिया देख रहे हैं, तो उनके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्या कोई एक उम्मीदवार एक वक्त में दो राज्यों में विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है? यहां हम आपकी इस उलझन को दूर करेंगे.


विधानसभा चुनाव में ऐसा संभव नहीं


आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में एक व्यक्ति दो राज्य में एक साथ चुनाव नहीं लड़ सकता. इसके पीछे की बड़ी वजह ये है कि विधायक का चुनाव लड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति का उस प्रदेश के किसी निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नाम होना चाहिए. अब ऐसी स्थिति में कभी भी किसी व्यक्ति के पास एक साथ दो जगह का पहचान पत्र नहीं होगा. अगर होगा भी तो वह गलत तरीके से बनाया गया होगा, जिसे मान्य नहीं माना जाएगा.


अलग-अलग समय में कर सकते हैं ऐसा


अगर कोई एकसाथ अलग-अलग समय में अलग-अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहे तो ऐसा संभव है. मान लीजिए अगर आप अभी मध्य प्रदेश में किसी सीट से विधायक हैं और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अब यूपी में स्विच करना चाहते हैं तो करीब 1 साल पहले आप वहां सक्रिय होकर पहले वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा लें. अब आप यूपी की किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.


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