नई दिल्ली: एक देश एक चुनाव की दिशा में सरकार आगे बढ़ सकती हैं. इसी कड़ी में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. अहम बात यह है कि ऐसा करने के लिए सरकार को सविधान में किसी तरह के संशोधन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. एबीपी न्यूज को सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है एक देश एक चुनाव की तर्ज पर लोकसभा चुनाव के साथ उन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, जिनमें कि लोकसभा चुनाव से 6 महीने पहले और 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. बता दें कि पीएम बनने के बाद से ही मोदी लगातार 'वन नेशन वन इलेक्शन' का मुद्दा उठाते रहे हैं.
अाजमाया जा सकता है राष्ट्रपति शासन का विकल्प
इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि को पाटने के लिए इन राज्यों में न्यूट्रल सरकार रखने के लिए गवर्नर रूल यानी राष्ट्रपति शासन भी लागू करने का विकल्प आज़माया जा सकता है. यानी अगर लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव इन चार राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान,छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होते हैं तो फरवरी 2019 से लेकर जून 2019 तक राष्ट्रपति शासन लगाकर लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव करवाया जा सकता है. इस विकल्प के आज़माने से विपक्ष की शिकायत का निवारण भी हो सकता.
लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे. लोकसभा चुनाव के करीब 6 महीने बीत जाने के बाद हरियाणा, झारखंड़, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिन राज्यों में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां सभी जगह बीजेपी की सरकार हैं. ऐसे में ये संभव है कि बीजेपी वन नेशन वन इलेक्शन के तहत लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाए.
बिहार में भी तय समय से पहले हो सकते हैं विधानसभा चुनाव
इन 10 राज्यों के अलावा बिहार के विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ हो सकते हैं. वैसे तो बिहार विधानसभा का कार्यकाल 2020 के अंत तक है, लेकिन ऐसे कई मौकें आए हैं जब वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने पीएम मोदी का समर्थन किया है. ऐसे में संभव है कि नीतीश कुमार इस मुहिम में बीजेपी का साथ दें.
बीजेपी की तरफ से एक देश एक चुनाव के पक्ष 8 पेज का हलफनामा भी कानून आयोग को दिया गया है. इस दिशा में बीजेपी और सरकार के सूत्र 2019 में आगे बढ़ने का इशारा कर रहे हैं ,जाहिर है, संशाधनों की बचत और विकास की रफ्तार को बाधित करने वाले बार-बार के चुनाव से बेहतर एक देश एक चुनाव हो सकता है. अगले कुछ महीनों में इस दिशा में चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और 11 राज्य एक साथ आगे बढ़े तो एक देश एक चुनाव की दिशा में ये बड़ा कदम हो सकता है.