एक्सप्लोरर

Assembly Elections 2019: लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल में होंगे विधानसभा चुनाव

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणांचल प्रदेश और सिक्किम में इस साल विधानसभा चुनाव होंगे. आपको यहां बताते हैं कि किस राज्य में कब और कितने फेज में चुनाव होंगे.

आज चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ-साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा भी कर दी है. चुनाव आयोग ने बताया है कि लोकसभा चुनाव  के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणांचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव होंगे. इन राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने वाले थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसे आगे बढ़ा दिया है.

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव आयुक्त सुनील चंद्रा ने बताया कि 7 चरण में लोकसभा चुनाव होंगे. चुनाव 11 अप्रैल से शुरु होकर 19 मई को खत्म होंगे. 11, 18, 23, 29 अप्रैल और 6, 12, 19 मई को लोकसभा के लिए वोटिंग होगी. चुनाव के नतीजे 23 मई को आएंगे.  आपको यहां बताते हैं कि चार राज्यों में कब-कब वोटिंग होगी.

आंध्र प्रदेश -11 अप्रैल

ओडिशा- 11, 18, 23, 29 अप्रैल

अरुणांचल प्रदेश- 11 अप्रैल

सिक्किम- 11 अप्रैल

ओडिशा विधानसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव के साथ ही ओडिशा में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए चार चरणों में वोटिंग होगी. 2014 के चुनाव में मिली थी भारी जीत

ओडिशा में विधानसभा की 147 सीटें हैं. 2009 के मुकाबले बीजेडी ने अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए 14 सीटें ज्यादा जीतीं और विधानसभा में कुल 117 कुर्सियां हासिल कर ली. वहीं मुख्य विरोधी पार्टी कांग्रेस की स्थिति 2014 के चुनाव में पहले से भी खराब हो गई. कांग्रेस को इस चुनाव में 11 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा और उसके सिर्फ 16 उम्मीदवार ही चुनाव जीतने में कामयाब हो पाए. बीजेपी ने इस चुनाव में पहले से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया, पार्टी ने अपने खाते में कुल 10 सीटें डाल ली. वहीं 2 निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा समता क्रांति दल और सीपीएम भी एक-एक सीट जीतने में कामयाब हुए.

यूपी में एसपी-बीएसपी के गठबंधन के बाद से माना जा रहा है ओडिशा बीजेपी की सत्ता में वापसी के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण राज्य है. लेकिन बीजेपी को इस राज्य में जीत हासिल करने के लिए नवीन पटनायक की मुश्किल चुनौती का सामना करना है.

72 साल के नवीन पटनायक 2000 में पहली बार ओडिशा के सीएम बने थे. तब से लेकर अब तक नवीन पटनायक लगातार 3 विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और 19 साल से सीएम की कुर्सी पर बने हुए हैं. 2009 के चुनाव से पहले नवीन पटनायक ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था और अकेले ही राज्य का चुनाव लड़ा. नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल पर एनडीए से अलग होने का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. बीजेडी ना सिर्फ 2009 का चुनाव जीतने में कामयाबी हुई, बल्कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद पटनायक की जीत का अतंर विरोधी पार्टियों के मुकाबले बढ़ गया.

वोट प्रतिशत के मामले में भी बीजेडी रही आगे

वोट प्रतिशत के मामले में भी नवीन पटनायक दूसरी पार्टियों के मुकाबले कहीं ज्यादा आगे रहे. 2014 के विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी को कुल 43.4 फीसदी वोट हासिल हुए थे. 25.7 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी.

बीजेपी ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए 18 फीसदी वोट हासिल किए थे. राज्य में अलग अलग सीटों पर चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार 5 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब हुए थे. नोटा पर कुल 1.3 फीसदी वोट पड़ा था, जबकि एसकेपी और सीएम दोनों पार्टियों को इस चुनाव में 0.4 फीसदी वोट मिले थे.

लोकसभा चुनाव 2014में बीजेडी ने जीती 20 सीटें

लोकसभा चुनाव में बीजेडी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों को बुरी तरह से हरा दिया था. राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से बीजेडी को 20 सीटों पर जीत मिली, जबकि 1 सीट बीजेपी के खाते में गई. मुख्य विरोधी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई थी.

आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019

कब होंगे चुनाव- आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए भी 11 अप्रैल को वोटिंग होगी.

2019 लोकसभा चुनाव के साथ तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं. मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले चंद्रबाबू नायडू के सामने विधानसभा चुनाव में अपनी कुर्सी बचाए रखने की चुनौती है. वहीं जगन मोहन रेड्डी अपनी पार्टी वाईआरएस कांग्रेस को इस चुनाव में जीत दिलाकर पिता राजशेखर रेड्डी की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं. इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों के सामने कांग्रेस और बीजेपी जैसी राष्ट्रीय पार्टी के सामने राज्य में अपना वजूद बचाए रखने की भी चुनौती है.

3 बार राज्य की गद्दी पर बैठ चुके चंद्रबाबू नायडू विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके केंद्र में मोदी के खिलाफ अहम भूमिका निभाने की जद्दोजहत में लगे हैं. लेकिन इस बार चंद्रबाबू नायडू के लिए चुनौती 2014 के मुकाबले ज्यादा कड़ी होने वाली है, क्योंकि पिछली बार 10 साल बाद वह मोदी लहर पर सवार होकर ही सत्ता में वापस आए थे. पर अब चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना मिलने के कारण एनडीए से अलग हो चुके हैं और उन्होंने अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. वहीं जगनमोहन रेड्डी टीडीपी और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के वाईएसआर कांग्रेस के साथ जुड़ने पर काफी उत्साहित हैं. जगन मोहन रेड्डी को उम्मीद है कि इस बार वह राज्य की गद्दी हासिल करके पिता की विरासत को आगे बढ़ाने में कामयाब हो जाएंगे.

अलग राज्य बनने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव

2014 में जब आंध्र प्रदेश में चुनाव हुआ था तो तेलंगाना इसी राज्य का हिस्सा था. 16 मई को चुनाव के नतीजे आने के बाद 1 जून को तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा मिल गया था. अलग राज्य बनने के बाद आंध्र प्रदेश में टीडीपी और बीजेपी की सरकार बनी थी, जबकि तेलंगाना में टीआरएस सरकार बनाने में कामयाब हुई थी. हालांकि 2018 में विशेष राज्य की मांग पूरी नहीं होने के चलते चंद्रबाबू नायडू एनडीए से अलग हो गए.

बात अगर 2014 में आंध्र प्रदेश के हिस्से में आए चुनावी नतीजों की करें तो टीडीपी को राज्य की 175 में से 102 सीटें मिली थी, जबकि उस समय सहयोगी बीजेपी 4 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. पिता चंद्रशेखर रेड्डी के निधन बाद कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाने वाले जगन मोहन की वाईएसआर को इस चुनाव में 67 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस पार्टी को 2014 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर भी जीत नहीं मिली.

वोट शेयर के मामले में टीडीपी और वाईएसआर के बीच कांटे का मुकाबला था, पर बीजेपी के साथ गठबंधन होने की वजह से चंद्रबाबू सत्ता पर काबिज होने में सफर रहे. 2014 के चुनाव में टीडीपी को 44.90 फीसदी वोट मिली थे. वाईएसआर कांग्रेस 44.60 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर थी. 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 2.8 फीसदी वोट मिले, जबकि बीजेपी के हिस्से 2.2 फीसदी वोट आए.

लोकसभा चुनाव में टीडीपी पहले नंबर पर रही

अलग राज्य बनने के बाद आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें बची थी. इन 25 सीटों में से टीडीपी के 15 सांसद थे, जबकि उस समय की सहयोगी बीजेपी के 2 सांसद थे. राज्य की बाकी 8 सीटों पर वाईएसआर के सांसद चुन कर आए थे. उस समय कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.

सिक्किम विधानसभा चुनाव 2019

लोकसभा चुनाव के साथ जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें देश का पहला ऑर्गेनिक स्टेट सिक्किम भी एक है. सिक्किम में 11 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी. पवन कुमार चामलिंग की कुर्सी दांव पर
सिक्किम के विधानसभा चुनाव देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा वक्त तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड बनाने वाले पवन कुमार चामलिंग की कुर्सी दांव पर लगी है. सिक्किम के विधानसभा चुनाव इस मायने में भी खास हैं, क्योंकि 1994 से लेकर अब तक पवन कुमार चामलिंग लगातार 5 चुनाव जीत चुके हैं.
2014 के विधानसभा चुनाव में पवन कुमार चामलिंग ने लगातार पांचवी बार सीएम की कुर्सी हासिल की थी. इस चुनाव के बाद ही पवन कुमार चामलिंग ने रिकॉर्ड समय तक सीएम रहने की तरफ कदम बढ़ाए. साल 2018 में पवन कुमार चामलिंग किसी भी राज्य के सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शख्स बने. इससे पहले सबसे ज्यादा वक्त तक सीएम बनने का रिकॉर्ड ज्योति बसु के नाम था. ज्योति बसु 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के सीएम रहे थे. 2009 के विधानसभा चुनाव में चामलिंग के सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सभी 32 सीटें जीत ली थीं. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले चामलिंग को बड़ा झटका लगा था, क्योंकि उनके सहयोगी रहे पीएस गोले ने एसडीएप से अलग होकर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाने का एलान किया. 2014 के विधानसभा चुनाव में मुख्य तौर पर चामलिंग के एसडीएफ और गोले के एसकेएम के बीच ही मुख्य लड़ाई देखने को मिली. करीब 4 लाख की आबादी वाले राज्य सिक्किम में चामलिंग की वापसी में थोड़ी सेंध तो लगी, पर किसी तरह से नतीजों के बाद वह रिकॉर्ड पांचवी बार सीएम बनने में कामयाब हुए. 2014 के चुनावी नतीजों में चामलिंग के सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट को 32 में से 22 सीटों पर जीत मिली, जबकि गोले का सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 10 सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब हुआ. 2014 के विधानसभा चुनाव में दो राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने भी हिस्सा लिया था. लेकिन एक तरफ जहां 32 सीटों पर कांग्रेस का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया, तो वहीं दूसरी तरफ 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली बीजेपी को भी एक सीट पर भी जीत नहीं मिली. जहां तक बात वोट शेयर की है तो करीब 55 फीसदी वोट हासिल करके सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट अव्वल रहा. पहली बार चुनाव लड़ने वाले सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को करीब 40.8 फीसदी वोट मिले. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 1.4 फीसदी और बीजेपी 0.7 फीसदी वोट पाकर तीसरे और चौथे नंबर की पार्टी बने.

अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2019

अरुणाचल प्रदेश में भी 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए भी वोटिंग होगी. अरुणाचल प्रदेश में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार यहां 9 अप्रैल, 2014 को विधानसभा चुनाव हुए थे.  कांग्रेस ने 42 पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने 11 सीटें जीती थीं, निर्दलीय ने 2 और पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने 5 सीटें जीती थीं. वर्तमान में बीजेपी के पेमा खांडू राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

बांग्लादेशी सरकार ने इस्कॉन को बताया कट्टरपंथी धार्मिक संगठन, बैन लगाने पर याचिका दायर, जानें 10 बड़े लेटेस्ट अपडेट
बांग्लादेशी सरकार ने इस्कॉन को बताया कट्टरपंथी धार्मिक संगठन, जानें 10 बड़े लेटेस्ट अपडेट
Delhi Weather: दिल्ली में प्रदूषण के साथ कोहरे का सितम, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
दिल्ली में प्रदूषण के साथ कोहरे का सितम, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
एक्स गर्लफ्रेंड हिमांशी खुराना के बर्थडे पर आसिम रियाज ने शेयर की फोटो, मिस्ट्री गर्ल संग दिए पोज
एक्स गर्लफ्रेंड हिमांशी खुराना के बर्थडे पर आसिम रियाज ने शेयर की फोटो, मिस्ट्री गर्ल संग दिए पोज
SMT 2024: बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने गर्दा उड़ाकर दिलाई जीत 
बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने दिलाई जीत
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News : Mumbai में एक महिला पायलट ने दे दी जान, ब्वॉयफ्रेंड गिरफ्तारAttack on Bangladeshi Temple's : बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने Iskcon मंदिर बंद कराया !Breaking News : Bangladesh में कट्टरपंथियों ने Iskcon मंदिर बंद कराया !Breaking News : Maharashtra में CM Face को लेकर दिल्ली में बड़ी हलचल | Congress | Shinde

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बांग्लादेशी सरकार ने इस्कॉन को बताया कट्टरपंथी धार्मिक संगठन, बैन लगाने पर याचिका दायर, जानें 10 बड़े लेटेस्ट अपडेट
बांग्लादेशी सरकार ने इस्कॉन को बताया कट्टरपंथी धार्मिक संगठन, जानें 10 बड़े लेटेस्ट अपडेट
Delhi Weather: दिल्ली में प्रदूषण के साथ कोहरे का सितम, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
दिल्ली में प्रदूषण के साथ कोहरे का सितम, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
एक्स गर्लफ्रेंड हिमांशी खुराना के बर्थडे पर आसिम रियाज ने शेयर की फोटो, मिस्ट्री गर्ल संग दिए पोज
एक्स गर्लफ्रेंड हिमांशी खुराना के बर्थडे पर आसिम रियाज ने शेयर की फोटो, मिस्ट्री गर्ल संग दिए पोज
SMT 2024: बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने गर्दा उड़ाकर दिलाई जीत 
बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने दिलाई जीत
IBPS ने जारी किया बैंक पीओ भर्ती का स्कोरकार्ड, डायरेक्ट लिंक से करें फटाफट चेक
IBPS ने जारी किया बैंक पीओ भर्ती का स्कोरकार्ड, डायरेक्ट लिंक से करें फटाफट चेक
6 महीने से अंतरिक्ष में अटकी सुनीता विलियम्स इस तरह रख रही हैं सेहत का ख्याल
6 महीने से अंतरिक्ष में अटकी सुनीता विलियम्स इस तरह रख रही हैं सेहत का ख्याल
हिंदी में बाएं से दाएं और उर्दू में दाएं से बाएं क्यों लिखा जाता है, कभी सोचा है आपने?
हिंदी में बाएं से दाएं और उर्दू में दाएं से बाएं क्यों लिखा जाता है, कभी सोचा है आपने?
'कश्मीर छोड़ो, काम की बात करो'; सरेआम मीटिंग में बेलारूस के राष्ट्रपति ने पाक पीएम शहबाज शरीफ को किया शर्मसार
'कश्मीर छोड़ो, काम की बात करो'; बेलारूस के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पीएम को किया शर्मसार
Embed widget