झारखंड विधानसभा चुनाव: इस बार कांग्रेस ने बनाई है ये अहम रणनीति
आरजेडी और जेविएम के साथ गठबंधन ना करने की वजह ये है कि कांग्रेस को लगता है कि इससे उनके खाते में कम सीटें आएंगी. कांग्रेस की कोशिश है कि जेएमएम से समझौता हो और वह 35 से 40 सीट पर चुनाव लड़े.
नई दिल्ली: झारखंड में चंद महीनों में विधानसभा चुनाव होना है. बीजेपी पूरी फॉर्म में है. 2019 की महाविजय के बाद बीजेपी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है. अधिकांश राज्यों की तरह यहां भी कांग्रेस संगठन में फूट और संवाद की कमी दिख रही है. फिलहाल विधानसभा में कांग्रेस के पास आठ विधायक हैं. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठबंधन है जिसमें कांग्रेस की भूमिका "जूनियर पार्टनर" की है. बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल एक सीट मिली थी.
झारखंड से ताजा हलचल सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आरजेडी और जेविएम के साथ गठबंधन ना करे. केवल जेएमएम के साथ कांग्रेस गठबंधन के मूड में है. सत्ता पक्ष यानि बीजेपी चुनाव प्रचार के मामले में फ्रंट फूट पर खेल रही है. उधर कांग्रेस की रणनीति अभी उलझी हुई है. हालांकि कांग्रेस नेता दावे कर रहे हैं कि वे सरकार बनाएंगे. आरजेडी और जेविएम के साथ गठबंधन ना करने की वजह ये है कि कांग्रेस को लगता है कि इससे उनके खाते में कम सीटें आएंगी. कांग्रेस की कोशिश है कि जेएमएम से समझौता हो और वह 35 से 40 सीट पर चुनाव लड़े.
कांग्रेस को झटका किसी भी राज्य में चुनाव की सुगबुगाहट मात्र से ही सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों का आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है. इसी से ये भी मान लिया जाता है कि राज्य में चुनाव जल्द ही शुरू होने वाला है. झारखंड में भी विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान होने में महज कुछ दिन ही बचे हैं ऐसे में राजनीतिक पार्टियों का आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी वक्त सियासी दलों के अंदर की फूट भी सामने आने लगती है. नेता इस पाले से उस पाले में जाने भी लगते हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. महीने भर पहले तक राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय कुमार कांग्रेस को छोड़ दिये. सूबे के सत्ता के गलियारे में चर्चा है कि कांग्रेस के खस्ता हाल को देखकर इनके बहुत से बड़े नेता बीजेपी के संपर्क में हैं. दरअसल लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद झारखंड कांग्रेस में अजय कुमार के इस्तीफे की मांग उठ रही थी. आखिरकार अगस्त में दिए अपने इस्तीफे में अजय कुमार ने पार्टी के कई नेताओं का नाम लेकर आरोप लगाया कि इन नेताओं ने व्यक्तिगत राजनीति के लिए पार्टी को नुकसान पहुंचाया. इस्तीफे की चिट्ठी में अजय कुमार ने सुबोधकांत सहाय, रामेश्वर उरांव, प्रदीप बलमुचू आदि नेताओं का नाम लेकर उनपर आरोप लगाया था. हालांकि अजय कुमार के इस्तीफे के बाद कांग्रेस हाईकमान ने 72 साल के बुजुर्ग आदिवासी नेता रामेश्वर उरांव को झारखंड की कमान दे दी. उरांव के साथ पांच कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए. जाहिर है ओरांव को कमान मिलने से ये साफ हो गया कि अजय कुमार की बातों को कांग्रेस ने गंभीरता से नहीं लिया. ऐसे में अजय कुमार के लिए कांग्रेस में टिकना मुमकिन नहीं था.
लोकसभा चुनाव के आधार पर किसे कितनी सीटों पर बढ़त - झारखंड एनडीए – 63 · बीजेपी – 57 · आजसू – 6 यूपीए - 18 · कांग्रेस – 11 · जेएमएम – 7 · आरजेडी – 0 · जेवीएम - 0