Assembly Elections 2022: विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत को गुजरात और भूपेश बघेल को हिमाचल प्रदेश का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है. दोनों ही राज्यों में कांग्रेस का सीधा मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी से है. गुजरात जहां पीएम मोदी का गृहराज्य है तो हिमाचल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का.


इन चुनावों की गंभीरता के मद्देनजर ही वरिष्ठ पर्यवेक्षकों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने दो–दो पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और पंजाब में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को हिमाचल प्रदेश का पर्यवेक्षक बनाया गया है. छत्तीसगढ सरकार में वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंह देव और लंबे समय से उपेक्षित चल रहे मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को गुजरात का पर्यवेक्षक बनाया गया है. 


बीते गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को बेहद कड़ी टक्कर दी थी तब अशोक गहलोत ही प्रभारी थे. गुजरात कांग्रेस के मौजूदा प्रभारी रघु शर्मा गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं.


मिलिंद देवड़ा को जिम्मेदारी


गुजरात के लिए नियुक्त किए गए दो पर्यवेक्षक के नाम भी महत्वपूर्ण हैं. पड़ोसी राज्य के चलते महाराष्ट्र से मिलिंद देवड़ा को लाया गया है जो बीते लोकसभा चुनाव के बाद से ही अलग–थलग नजर आ रहे थे.



कांग्रेस ने गुजरात और हिमाचल के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए





  • अशोक गहलोत को गुजरात और भूपेश बघेल को हिमाचल का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया

  • टीएस सिंह देव और मिलिंद देवड़ा को गुजरात का पर्यवेक्षक बनाया गया

  • सचिन पायलट और प्रताप बाजवा को हिमाचल का पर्यवेक्षक बनाया गया



गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ चुनाव में जारी किए गए घोषणापत्र के मॉडल को अपनाने जा रही है. छत्तीसगढ़ में  टीएस सिंह देव ने ही पार्टी का घोषणापत्र तैयार किया था. ऐसे में उन्हें भी पर्यवेक्षक बनाया गया है. गुजरात में कांग्रेस के पास बीजेपी से लड़ने के लिए बड़े नेताओं की कमी है. ऐसे में गहलोत की टीम पर गुजरात में करीब तीन दशकों से सत्ता से दूर कांग्रेस की वापसी करवाने की बड़ी चुनौती है. 


वहीं हिमाचल प्रदेश में पिछले साल के उपचुनाव के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस ने भूपेश बघेल के साथ राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट को पर्यवेक्षक बनाया है. उनके साथ पड़ोसी राज्य पंजाब में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को भी पर्यवेक्षक बनाया गया है. आगामी विधानसभा चुनावों कांग्रेस के सामने बीजेपी के साथ ही आम आदमी पार्टी की चुनौती भी है जिसने पंजाब फतह के बाद अपनी पूरी ताकत दोनों राज्यों में झोंकी हुई है. 


चुनावी राज्यों में कांग्रेस (Congress) द्वारा की कई ताजा नियुक्तियों का मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि अब साल के अंत तक राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के चेहरे में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि राजस्थान में अगस्त महीने में गहलोत (Ashok Gehlot) की जगह पायलट (Sachin Pilot) को कमान मिल सकती है!


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