Assembly Elections 2022: गुलाम नबी आजाद ने भले ही कांग्रेस छोड़ दी हो, लेकिन कांग्रेस को लेकर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के दिए बयान को सुनकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है. गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को अगर कोई सीधी टक्कर दे सकता है तो वह कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है, आम आदमी पार्टी में इतना दम नहीं है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि, लिखकर रख लो गुजरात में कांग्रेस पांच सीट भी नहीं जीत पाएगी. गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ दिया है, लेकिन वो चाहते हैं कि दोनों राज्यों में कांग्रेस ज्यादा सीटें जीते.


गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि, कांग्रेस पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगी और दोनों राज्यों के चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सक्षम नहीं है. गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में केवल कांग्रेस ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनौती दे सकती है, जबकि AAP केवल यूटी दिल्ली की पार्टी है, 


कांग्रेस की नीति के खिलाफ कभी नहीं था


आजाद ने कहा कि, "हालांकि मैं कांग्रेस से अलग हो गया हूं, लेकिन मैं उनकी धर्मनिरपेक्षता की नीति के खिलाफ कभी नहीं था. इसका कारण पार्टी का सिस्टम का कमजोर होना था. उन्होंने अपनी पुरानी कांग्रेस पर भी भरोसा जताया और कहा कि यह हिंदू और मुस्लिम किसानों को साथ लेकर चलती है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इन राज्यों में कुछ नहीं कर सकती, वे पंजाब में जीतने के बावजूद विफल रहे हैं और पंजाब के लोग उन्हें फिर से वोट नहीं देंगे. बता दें कि गुजरात में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती आठ दिसंबर को होगी.


कुछ महीने पहले ही आजाद ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था


दशकों पुराने जुड़ाव के बाद आजाद ने इस साल ही कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ लिया था और अक्टूबर में, आज़ाद ने अपने नए राजनीतिक संगठन 'डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी' की घोषणा की थी. आजाद आजकल डोडा के दौरे पर हैं, जहां वे आने वाले दिनों में कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेंगे और कई रैलियों को संबोधित करेंगे.


आजाद ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक जोरदार इस्तीफा लिखा था. उस पत्र आजाद ने पिछले लगभग नौ वर्षों में पार्टी को चलाने के तरीके को लेकर पार्टी नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी पर हमला किया था. आजाद ने यह भी दावा किया था कि एक मंडली पार्टी चलाती है जबकि सोनिया गांधी सिर्फ "नाममात्र प्रमुख" थीं और सभी बड़े फैसले "राहुल गांधी या बल्कि उनके सुरक्षा गार्ड और पीए" द्वारा लिए गए थे.


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