Assembly Elections के बीच मायावती की पार्टी के सांसद ने की PM की तारीफ, कहा- मोदी की कोई काट नहीं
Assembly Elections 2022: बीएसपी सांसद ने कहा सदन में आकर पीएम बोलते हैं कि इतने दलित मंत्री बने हैं और इतने पिछड़ों को मंत्री बनाया गया है.पीएम की सोच देखकर गरीबों-कमजोरों के लिए न्याय की उम्मीद जगी.
Assembly Elections 2022: यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद मलूक नागर ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इतने सूक्ष्म स्तर पर जाकर काम कर रहे हैं कि उनकी कोई काट नहीं है और ऐसा माहौल बन रहा लगता है कि इस सरकार में दलितों और पिछड़ों को न्याय मिलेगा.
विपक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा- बीएसपी सांसद
नागर ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अभिभाषण में दलितों, कमजोरों, गरीबों और पिछड़ों के लिए बहुत चीजें हो सकती थीं, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो ‘‘मैं मानता हूं कि इसके लिए जिम्मेदार हम लोग हैं, विपक्ष के लोग हैं. विपक्ष अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा, इसलिए ये लोग (सरकार) इतने हावी हो गये हैं ...जो चाहते हैं कर पाते हैं.’’
उन्होंने कहा कि देश में पिछले 70 साल से दलितों और पिछड़ों के साथ अन्याय होता रहा है, लेकिन अब जाकर लगता है कि ऐसा माहौल बना है कि पिछड़ों और दलितों को न्याय मिलने वाला है क्योंकि इसी सदन में आकर प्रधानमंत्री बोलते हैं कि इतने दलित मंत्री बने हैं और इतने पिछड़ों को मंत्री बनाया गया है. प्रधानमंत्री की सोच देखकर गरीबों और कमजोरों के लिए न्याय की उम्मीद जगी है.
पीएम मोदी की कोई काट नहीं- मलूक नागर
नागर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इतने सूक्ष्म् स्तर पर जाकर काम कर रहे हैं कि उनकी कोई काट नहीं है. उन्होंने कहा कि आज सदन में जब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोल रहे थे तो प्रधानमंत्री सदन में आकर बैठ गये, उन्होंने पूरी बात सुनी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री पूरी तैयारी में हैं और जब सदन में (धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए) बोलेंगे तो राहुल गांधी ने एक साल में जितनी तैयारी की है, वो एक बार में साफ हो जाएगी.’’
नागर ने जम्मू कश्मीर में गुज्जर और बक्करवाल समुदाय की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार और उपराज्यपाल की सोच तो अच्छी है लेकिन पिछले 70 साल से वहां के अधिकारियों की मानसिकता इतनी खराब है कि पिछड़ों को न्याय नहीं मिल पा रहा. उन्होंने इन समुदायों की बस्तियों को राजस्व गांव घोषित करने की मांग केंद्र से की.