साल के अंत में पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तारीखों का सोमवार (9 अक्टूबर, 20223) को ऐलान कर दिया है. 7 से 30 नवंबर के बीच वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को एक ही दिन पांचों राज्यों के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीति दल जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हैं.


मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम की विधानसभाओं का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है इसलिए अब यहां चुनाव होने हैं. साल 2018 में पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे. पिछले चुनाव में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जबकि एक राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) (अब भारत राष्ट्र समिति, BRS) और एक राज्य में मिजो नेशनल फ्रेंट (MNF) ने सरकार बनाई थी. इस बार के क्या समीकरण हैं और कहां किसकी सरकार बनने की उम्मीद है, इसे समझने के लिए पिछले चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाल लेते हैं-


मध्य प्रदेश
2018 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव कई माइनों में दिलचस्प रहा था. कांग्रेस ने लंबे समय के बाद सत्ता में वापसी की थी तो वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सत्ता छोड़नी पड़ी. पिछले चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर थी. 28 नवंबर, 2018 को वोटिंग हुई थी और 11 दिसंबर, 2018 को नतीजे आए. नतीजों में कांग्रेस को 114 और बीजेपी को 109 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, दोनों ही पार्टियां बहुमत के जादुई आंकड़े 116 को नहीं पा सकी थीं. इस स्थिति में बसपा, सपा और अन्य दलों ने समर्थन दिया और कांग्रेस की सराकर में कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. हालांकि, उनकी सरकार सिर्फ 15 महीने ही साल ही चल सकी. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 25 विधायकों ने बगावत कर दी और कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं, जौरा, आगर और ब्यावरा  पर तीन विधायकों के निधन के बाद तीन सीटें और खाली हो गईं. नवंबर, 2020 को 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ. 18 पर बीजेपी व 9 पर कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत मिली और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बने. इस वक्त मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 127 बीजेपी, 96 कांग्रेस, निर्दलीय 4, बसपा दो और सपा के पास एक सीट है.


छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की 90 में से 68 सीटें जीतकर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. यहां 12 नवंबर और 20 नवंबर, 2018 को दो चरणों में वोटिंग हुई थी और 11 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए गए. इस चुनाव में बीजेपी को यहां करारी शिकस्त मिली थी और 15 साल बाद सत्ता से अलविदा करना पड़ा. कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी सिर्फ 15 सीटें ही जीत सकी थी और लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह को राज्य की सत्ता छोड़नी पड़ी. रमन सिंह के बाद भूपेंद्र सिंह बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने.


राजस्थान
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान तीसरा राज्य है, जहां पिछले चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली और सत्ता से अलविदा कहना पड़ा. 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में 7 दिसंबर को वोटिंग हुई थी और 11 दिसंबर को नतीजे जारी किए गए. नतीजों में कांग्रेस ने 99, बीजेपी ने 73, बसपा ने 6 और अन्य दलों को 2 सीटों पर जीत मिली थी. सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने के लिए जरूरी 101 के जादुई आंकड़े को हासिल करने में सफल नहीं हो सकी थी. हालांकि, बाद में निर्दलीय विधायकों और अन्य दलों के साथ से कांग्रेस की सरकार बनी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने. नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी हाईकमान के बीच गहन चिंतन हुआ और अशोक गहलोत का नाम फाइनल किया गया. राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का पैटर्न देखा गया है. आगामी चुनाव में भी यह रिवाज कायम रहता है या नहीं? यह देखना दिलचस्प होगा.


तेलंगाना
2018 के विधानसभा चुनाव में के. चंद्रशेखर राव (KCR) की टीआरएस (अब बीआरएस) ने शानदार जीत के साथ सत्ता में वापसी की थी. राज्य की 119 विधानसभा सीटों में से 88 पर बीआरएस को जीत मिली थी.  पिछले चुनाव में तेलंगाना में 73 फीसदी मतदान हुआ था. साल 1985 से केसीआर कोई चुनाव नहीं हारे हैं और इस चुनाव में भी उनका यह रिकॉर्ड बरकरार रहा.


मिजोरम
पिछले चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों में से 26 सीटों पर जीत हासिल की और 10 साल से सत्ता में काबिज कांग्रेस को उखाड़ फेंका. पांच बार मुख्यमंत्री रहे लाल थन्हवला सेरछिप और चंफई दक्षिण से चुनाव लड़े, लेकिन दोनों ही जगह हार गए. वहीं, बीजेपी ने एक सीट जीतकर अपना खाता खोला. बीजेपी के बुद्ध धन चकमा ने तुइचावंग से चुनाव जीता था.


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