Lok Sabha Election 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पूर्व विपक्षी गठबंधन 'INDIA' और सत्ता पक्षा NDA को इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव की अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा.
इन राज्यों के विधानसभा चुनाव से मिलने वाले रिजल्ट से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी. आइये जानते हैं क्या है इन राज्यों का पूरा गणित. किसके पास कितनी लोकसभा की सीटें हैं और कितना परसेंट वोट बैंक है.
मध्य प्रदेश में होगी कांटे की टक्करः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर होनी तय है. 2018 के विधानसभा चुनाव में वैसे तो कांग्रेस की सरकार बनी थी. कमलनाथ मुख्यमंत्री भी बन गए थे. इसके बावजूद बीच रास्ते में ही कांग्रेस के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने साथी विधायकों के साथ कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के पाले में चले गए थे. इस कारण कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिर गई थी.
इसके बाद ज्योतियादित्य ने शिवराज सिंह चौहान को अपना समर्थन दे दिया था. जिसके चलते शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बन गए. इसलिए इस बार भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर तय है.
लोकसभा में बदल जाती है पूरी तस्वीरः लोकसभा चुनाव में तस्वीर बिल्कुल बदल जाती है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने एमपी में 2014 के लोकसभा चुनाव में (27 सीट) की तुलना में 2019 में और भी धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए कुल 28 सीटों पर कब्जा किया था. बीजपी को एक सीट का फायदा हुआ था. जबकि कांग्रेस को एक सीट का नुकसान.
बीजेपी के वोट बैंक में जबरदस्त उछाल आया. उसने अकेले 58 प्रतिशत वोट हासिल किया. उसे एक फीसद अधिक वोट इस बार हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस को 34.50 परसेंट वोट मिला और उसका एक परसेंट वोट गिरा था.
राजस्थान में जाटों और राजपूतों ने बदल दिया गणितः मध्य प्रदेश की ही तरह राजस्थान की भी स्थिति है. वहां भी विधानसभा चुनाव में तो विपक्षी गठबंधन इंडिया का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहता है, लेकिन लोकसभा चुनाव में सारा गणित बदल जाता है. 2018 के विधानसभा सभा में सत्तासीन कांग्रेस का 2019 के लोकसभा चुनाव में सूपड़ा ही साफ हो गया था. यहां एनडीए ने जाटों, राजपूतों और हनुमान बेनीवाल के साथ मिलकर क्लीन स्वीप कर दिया था.
यहां बीजेपी ने 25 में से 24 सीटें खुद जीतीं थीं, जबकि एक सीट हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जीती थी. यहां भी बीजेपी को 58.47 परसेंट वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 34.29 परसेंट वोट मिले. हालांकि, कांग्रेस के वोट बैंक में करीब 2 परसेंट से अधिक का इजाफा हुआ था. इसके बावजूद उसे एक भी सीट नहीं मिली. बीजेपी से बागी होकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाने वाले जाट नेता हनुमान बेनीवाल ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए पूरे राजस्थान में 84 लाख से अधिक वोट हासिल किए थे. इस बार भी उनकी निर्णायक भूमिका रहेगी.
छत्तीसगढ़ में भी लोकसभा में बदल गया रिजल्टः यहां भी 2018 के विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस की सरकार बनी थी. इसके महज एक साल बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को बहुत पीछे धकेल दिया था.
प्रदेश की कुल 11 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने अकेले 9 सीटें जीत ली थीं, जबकि कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली थी. यहां भी लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 50.70 परसेंट वोट हासिल किया था, जबकि कांग्रेस को 40 परसेंट वोट हासिल हुए. बीजेपी और कांग्रेस दोनों को 2 फीसद वोट बैंक का फायदा हुआ था, लेकिन सीटों के मामले में बीजेपी ने बाजी मार ली.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बदल सकती है तस्वीरः मोदी सरकार को इस बार तेलंगाना में बहुत उम्मीदें दिखाई दे रहीं है. बीजेपी का 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन तो कुछ खास नहीं रहा. इसके बाद भी उसने लोकसभा चुनाव 2019 में शानदार प्रदर्शन करते 17 में 4 सीटें जीती थीं.
2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में बीजेपी को यहां कुल 10 परसेंट वोट बढ़त मिली थी. इसीलिए बीजेपी दक्षिण में तेलंगाना पर खास ध्यान लगाए हुए है. यहां उसकी मुख्य टक्कर के. चंद्रशेखर राव (KCR) से होनी है.
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